जी सी पठानिया/निस
धर्मशाला, 14 मई
निर्वासित तिब्बती सरकार के नए प्रधानमंत्री का ताज पेंपा सेरिंग के सिर सजा है। पेंपा सेरिंग ने अपने प्रतिद्वंदी केलसंग दोरजे को हराकर प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर कब्जा किया है। शुक्रवार को धर्मशाला स्थित निर्वासित तिब्बती सरकार के मुख्यालय में घोषित किए गए परिणाम में पेंपा सेरिंग को विजेता घोषित किया गया। पेंपा सेरिंग ने 34324 मत हासिल कर अपने प्रतिद्वंदी केसलंग दोरजे को 5417 मतों के बड़े अंतर से मात दी है। केलसंग दोरजे को 28907 मत हासिल हुए। पेंपा सेरिंग 17वीं तिब्बती संसद के तीसरे प्रधानमंत्री चुने गए हैं। वहीं आज निर्वासित तिब्बती संसद के लिए चुनाव लड़ने वाले 45 सदस्यों का भी परिणाम घोषित किया गया। प्रधानमंत्री के साथ 45 संसद सदस्यों को भी चुना गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त वांगदू सेरिंग ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री सहित 45 संसद सदस्यों के परिणाम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि आज घोषित चुनाव परिणाम के बाद अब 20 मई को चुने गए प्रतिनिधियों की शपथ होगी। प्रधानमंत्री चुने गए पेंपा सेंरिग निर्वासित तिब्बती संसद के अध्यक्ष भी रहे हैं। इससे पूर्व 2011 से लेकर 2021 तक दो बार लगातार डा. लोब्सांग सांग्ये निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री रहे हैं।
तिब्बतियन फ्रीडम मूवमेंट से राजनीति में आए पेंपा सेरिंग
निर्वासित तिब्बती सरकार के नए चुने गए प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग की बात करें तो उनका जन्म कर्नाटक के बेलाकूपी में वर्ष 1967 में हुआ। उन्होंने सेंटर स्कूल ऑफ तिब्बतियन बेलाकूपी से जमा दो की पढ़ाई की। इसके बाद मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज चेन्नई से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। छात्र जीवन में ही तिब्बतियन फ्रीडम मूवमेंट के महासचिव रहे। वह 2001 से 2008 तक तिब्बतियन पार्लियामेंट एंड रिसर्च सेंटर नई दिल्ली के निदेशक रहे। वह 1996, 2001, 2006 और 2011 में सांसद बने। वर्ष 2011 में उन्हें निर्वासित तिब्बती संसद के अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा गया।