शिमला (निस) : हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकर से उनके लिए तुरंत स्थायी नीति बनाने की मांग की है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नेगी ने आज एक बयान में कहा कि प्रदेश के 40 हजार आउटसोर्स कर्मचारी पिछले 15 सालों से स्थायी नीति की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आउट सोर्स कर्मचारियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आगामी बजट में उनके लिए स्थायी नीति का प्रावधान करेंगे ताकि आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य सुरिक्षत हो सके। नेगी ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों का पिछले डेढ़ दशक से शोषण हो रहा है। आउटसोर्स कर्मचारी महज पांच से आठ हजार रुपए मासिक वेतन पर काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों से वही काम लिया जा रहा है जो नियमित कर्मचारी कर रहे हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।