शिमला, 22 अप्रैल (निस)
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अब डीसी अपने-अपने जिलों में कर्फ्यू और धारा 144 लगा सकेंगे। हालांकि इसके लिए जिलाधीशों को प्रदेश सरकार की पूर्व अनुमति लेना जरूरी होगा। ये निर्णय प्रदेश मंत्रिमण्डल की आज शिमला में हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की।
मंत्रिमण्डल की फैसलों की जानकारी देते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने जिलाधीशों को अपने-अपने जिलों में संक्रमण को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाने की अनुमति दे दी है। हालांकि इसमें लॉकडाउन शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर व्यापक चर्चा हुई और इससे निपटने के लिए और कड़े कदम उठाए जाने पर फैसला हुआ।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश सरकार के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी टीकाकरण के लिए आगे आएंगे और जहां तक संभव हो, सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड का टीका लगाएंगे। राज्य सरकार 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क टीकाकरण की सुविधा प्रदान करेगी।
होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 रोगियों को बेहतर उपचार सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से खण्ड स्तर पर मोबाइल टीमें गठित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा गंभीर रूप से बीमार लोगों को बड़े अस्पतालों में स्थानान्तरित करने के लिए एक वाहन विशेष रूप से उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 मामलों की निगरानी के लिए वरिष्ठ चिकित्सक की अगुवाई में एक समर्पित टीम तैनात की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रति शिफ्ट 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया है कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को बेहतर उपचार की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ सरकार उन्हें न्यूट्रीशन किट भी प्रदान करेगी।
मंत्रिमण्डल ने उन दैनिक/कंटींजेंट कार्यकर्ताओं की सेवाएं नियमित करने का निर्णय लिया जिन्होंने 31 मार्च, 2021 को अपने निरन्तर सेवाकाल के पांच वर्ष पूरे कर लिए हैं अथवा 30 सितम्बर, 2021 को पूरा करने जा रहे हैं। इन्हें विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर नियमित किया जाएगा। मुख्यमंत्री और मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्यों ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कोविड फंड के लिए अपने एक माह के वेतन का अंशदान किया।