कपिल बस्सी/निस
हमीरपुर, 10 अक्तूबर
जिला मुख्यालय पर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर विनोद यादव की सेवाएं आखिरकार बर्खास्त कर दी गईं। यादव पर काफी समय से संस्थान में नौकरियां देने के मामले में अनियमितताएं बरतने के आरोप लग रहे थे और इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मिले थे और उन्हें प्रोफेसर विनोद यादव के बारे में स्थिति से अवगत करवाया था। संस्थान में नौकरी में चहेतों को रखने और अनियमितताएं बरतने के आरोपों के चलते अब यादव की सेवाएं खत्म कर दी गई है। दरअसल, कुछ माह पहले ही उन्हें संस्थान के निदेशक के पद से हटा दिया गया था, अब उनकी सेवाएं बर्खास्त कर दी गई हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ये आदेश जारी किए हैं। एनआईटी जालंधर के डायरेक्टर प्रोफेसर ललित अवस्थी को एनआईटी हमीरपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
क्या है मामला
भर्ती में अनियमितताओं को लेकर विवाद के चलते विनोद यादव के खिलाफ जांच चल रही थी। केंद्रीय मंत्रालय के अनुसार विनोद यादव के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं, जिनकी जांच चल रही थी। उन्हें पांच साल के लिए निदेशक नियुक्त किया गया था। 13 जुलाई को एक जांच कमेटी बनाई गई थी, जिसकी शुरुआती जांच में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप कमेटी ने स्वीकार कर लिये। विनोद यादव की नियुक्ति 23 मार्च, 2018 को हुई थी। उनका कार्यकाल 2023 तक था।
सही पाये गये आरोप
मंत्रालय की ओर से कहा कि गया है कि कमेटी ने उन पर लगे आरोपों को सही पाया, ऐसे में अब उनके खिलाफ आगे जांच होगी। ऐसे में विनोद यादव को सेवाओं से मुक्त किया जाता है। अगले तीन महीने तक उन्हें वेतन मिलेगा और इसके बाद उनकी सेवाएं समाप्त हो जायेंगी।