शिमला, 21 अगस्त (निस)
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के बीच हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में इस बार पहले जैसी भीड़ नहीं होगी। सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा। विधानसभा में पास की संख्या सीमित होगी। विधायकों की सीटों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के मकसद से पॉली कार्बन शीट लगाई जाएंगी। पत्रकार दीर्घा में भी सीमित पास ही दिए जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विधान सभा की पत्रकार दीर्घा की बैठक के दौरान यह जानकारी दी।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए दो गज की दूरी और चेहरे पर मास्क जरूरी है। महामारी के वर्तमान दौर में एहतियात बरतना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 7 से 18 सितंबर तक होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई तमाम मानक संचालन प्रक्रियाओं का ख्याल रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि विधानसभा के सभी प्रवेश द्वारों पर सेनटाइजर की व्यवस्था होगी। सभी सदस्यों को आवास पर मास्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। पक्ष व विपक्ष दोनों तरफ की सीटों को सेनेटाइज किया जाएगा। सदन में सदस्यों , अधिकारियों व पत्रकारों के प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था होगी। विधानसभा परिसर को रोजाना दो बार सेनेटाइज किया जाएगा। विधायकों की सीटों के बीच लगी पॉली कार्बन सीट छह फीट ऊंची होगी। यह पारदर्शी होगी। साथ ही विभाजक का काम करेगी।
400 पास ही मिलेंगे
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सामान्य हालात में विधान सभा सत्र के दौरान 2000 के करीब पास जारी होते हैं। मगर कोरोना संकट के चलते इस बार 400 के करीब ही पास जारी होंगे। पत्रकार दीर्घा में एक वक्त पर एक समाचार पत्र का एक ही नुमाइंदा होगा। उन्होंने आम लोगों से कोरोना संकट के मद्देनजर सत्र के दौरान विधानसभा सत्र के दौरान नहीं आने की अपील की। विपिन परमार ने कहा कि विधान सभा के मानसून सत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद से सदस्यों के तरफ से सवालों के नोटिस मिलने प्रारंभ हुए हैं। उन्होंने सदस्यों के सवालों को देखा है। सवालों से साफ प्रतीत होता है कि विधायक अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं का निष्पादन चाहते हैं।