मंडी (निस) : मंडी शहर के मोती बाजार की निवासी डा. मल्लिका कौशल ने इंटरनेशनल टेस्ट में पहले ही प्रयास में बाजी मार ली है। डा. मल्लिका कौशल इन दिनों दिल्ली एम्स में कार्यरत हैं। यूरोपियन सोसायटी ऑफ एनीस्थीस्योलोजी एवं इंटेंसिव केयर (ईएसएआईसी) का यह टेस्ट था, जिसे मल्लिका कौशल ने पहले ही प्रयास में 80 में से 73 नंबर लेकर उत्तीर्ण कर लिया। यह टेस्ट बेल्जियम के ब्रस्सल शहर में हुआ। इस टेस्ट को उत्तीर्ण करते ही अब डा. मल्लिका कौशल ने पूरे यूरोप में प्रैक्टिस करने के लिए क्वालीफाई कर लिया है। उसके लिए यूरोप में फेलोशिप के लिए भी दरवाजे खुल गए हैं। डा. मल्लिका कौशल सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर नवीन कौशल व भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत सुनीता शर्मा की बेटी हैं। मल्लिका कौशल हिमाचल प्रदेश पीएमटी में भी टॉपर रह चुकी हैं। उन्होंने लेडी हार्डिंग्ज मेडिकल कालेज से एमबीबीएस व मौलाना आजाद मेडिकल कालेज से एमडी एनेस्थीसिया की है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।