लाहौल-स्पीति में भी धंस रहा लिंडूर गांव, 9 मकानों में दरारें
हिमाचल प्रदेश में खतरे में दिन काट रहे ग्रामीणों ने सर्वेक्षण की उठाई मांग
दीपेंद्र मांटा/ ट्रिन्यू
मंडी, 22 अक्तूबर
उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद अब हिमाचल के जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति की गोहरमा पंचायत के लिंडूर गांव में भी पिछले कुछ महीनों से जमीन धंस रही है। नतीजा यह हुआ कि इस गांव में करीब 9 मकानों में दरारें आ गई हैं। ग्रामीणों में डर पैदा हो गया है। इससे पहले इसी साल जुलाई और अगस्त महीने में इस गांव की कृषि भूमि में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई थीं। ग्रामीणों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी और जमीन धंसने के कारणों का पता लगाने के लिए भूगर्भ विभाग के विशेषज्ञों से इस क्षेत्र का सर्वेक्षण कराने की मांग की। ग्रामीणों के बार-बार अनुरोध के बावजूद अब तक भूगर्भ विभाग के विशेषज्ञों द्वारा कोई सर्वेक्षण नहीं कराया गया।
अब मकानों में दरारें पड़ने पर ग्रामीणों ने फिर मदद के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया। उन्होंने विशेषज्ञों द्वारा यह सर्वेक्षण कराने की अपनी मांग दोहराई है कि यह स्थान उनके रहने के लिए सुरक्षित है या नहीं।
ग्राम पंचायत गोहरमा की प्रधान सरिता ने कहा कि लिंडूर गांव में घरों में दरारें आने के बाद ग्रामीणों की रातों की नींद हराम हो गयी है। पूरा गांव खतरे की जद में है, जहां करीब 14 घर बने हुए हैं। हमने जिला प्रशासन और लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर से सर्वेक्षण कराने का अनुरोध किया। लेकिन, बार-बार आग्रह के बावजूद अब तक भूवैज्ञानिक विभाग के विशेषज्ञों द्वारा कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया।
4 मकान असुरक्षित घोषित
लाहौल-स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि इस गांव में 4 मकानों को असुरक्षित घोषित किया गया है, जबकि कुछ अन्य घरों में भी दरारें आ गई हैं। इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान निकालने के लिए प्रशासन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के विशेषज्ञों से इस क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया है। जल्द ही, आईआईटी मंडी की एक टीम इस गांव का दौरा करेगी। इसके अलावा, प्रशासन इस क्षेत्र में जाहलमा नाले को चैनलाइज़ करने की योजना बना रहा है। विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि इस गांव में जमीन धंसने के कारण स्थिति प्रतिकूल है। मकानों की दीवारों में दरारें आने से ग्रामीणों के मकान गिरने का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस मामले को देखने और आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं। जल्द से जल्द विशेषज्ञों द्वारा सर्वेक्षण कराने की आवश्यकता है।’

