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इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की गुहार, बिजली महंगी न करो सरकार

योगराज भाटिया/निस बीबीएन , 26 अगस्त हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े उद्योग संगठन बीबीएन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि राज्य के उद्योग अब बिजली वृद्धि सहन करने के पक्ष में नहीं हैं, इसलिए अब इसमें...

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बीबीएन के झाड़माजरी स्थित इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान मौजूद बीबीएनआईए के पदाधिकारी।-निस
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योगराज भाटिया/निस

बीबीएन , 26 अगस्त

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हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े उद्योग संगठन बीबीएन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि राज्य के उद्योग अब बिजली वृद्धि सहन करने के पक्ष में नहीं हैं, इसलिए अब इसमें किसी तरह की बढ़ोतरी न की जाए। प्रदेश में नयी सरकार बनने के बाद से लगभग 2 रुपये प्रति यूनिट बिजली की वृद्धि हो चुकी है। प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल, 2024 को बिजली बोर्ड के कहने पर कारखानों की बिजली पर जो एक रुपये प्रति यूनिट वृद्धि की थी, उसे उस समय लागू नहीं किया गया था और बाकायदा उस यूनिट पर सब्सिडी देने की घोषणा की थी ताकि निवेश प्रभावित न हो।

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झाड़माजरी बीबीएनआईए सभागार में सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए संगठन के मुख्य संरक्षक राजेंद्र गुलेरिया, वरिष्ठ उपप्रधान अनुराग पुरी, सलाहकार शैलेष अग्रवाल, महासचिव वाईएस गुलेरिया, मुकेश जैन, अशोक कुमार, रामगोपाल अग्रवाल, प्रदीप शर्मा, दिनेश जैन, वीरेंद्र बंसल आदि ने कहा कि पहले ही विभिन्न प्रकार के टैक्सों से राज्य के उद्योग जगत की कमर टूट हुई है। उन्होंने कहा कि जीएसटी आने पर जो टैक्स उसमें मर्ज हो जाने चाहिए थे, वो अभी भी लागू हैं- जैसे एजीटी व सीजीसीआर आदि। इसके अलावा उन्हें बहुत अधिक मालभाड़ा बाजार की तुलना में देना पड़ रहा है जो कि तर्कसंगत नहीं है। संस्था के विद्युत कमेटी के संचालक शैलेष अग्रवाल ने कहा कि दो साल में बिजली के 50 फीसदी दाम बढ़ चुके हैं और अब 2 सितंबर को मुख्यमंत्री की उद्योगमंत्री के साथ होने वाली बैठक में 1 रुपये सब्सिडी, जो कि उद्योगों को दी जा रही है, अगर समाप्त हो जाती है तो उनकी उत्पादन लागत काफी बढ़ जाएगी और यहां बिजली पंजाब के बराबर और हरियाणा तथा उत्तराखंड से महंगी हो जाएगी।

महासचिव यशवंत गुलेरिया ने कहा कि वर्तमान में उन्होंने जो आधिकारिक डाटा ईएसआईसी से लिया है, उसके अनुसार लगभग 7 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से कोई भी रियायत पैकेज या आकर्षण और सब्सिडी नहीं है। अगर बिजली के दाम बढ़ते हैं तो यहां से उद्योगों का पंजाब व हरियाणा के बरवाला में पलायन तय है। अगर पलायन हुआ तो प्रदेश में बेरोजगारी का संकट गहराएगा। उपाध्यक्ष दिनेश जैन ने कहा कि वे राज्य में उत्पादित हो रही बिजली का 60 फीसदी प्रयोग करते हैं और बोर्ड के ग्राहक हैं। अगर उद्योग ही नहीं रहेंगे तो बिजली कौन खरीदेगा। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड को अात्मावलोकन करना चाहिए और अपनी कर्मचारी लागत को कम करना चाहिए। अशोक कुमार ने कहा कि यहां से जम्मू, बरवाला (हरियाणा), उत्तरप्रदेश के उद्योग पलायन कर जा चुके हैं। अब यहां पर किस आधार पर उद्याेगों में निवेश होगा क्योंकि यहां पर एक मात्र बिजली सस्ती होने के चलते बड़े-बड़े नामी उद्योग स्थापित हुए। यहां पर लेबर महंगी, ट्रांसपोर्ट महंगी, रहने के लिए कोई सुविधा नहीं, कोई बड़ा अस्पताल नहीं, ऐसे में यहां पर क्यों उद्योग स्थापित हो, यह बड़ा प्रश्न बन चुका है।

उद्योगों का पलायन तेज होगा

सोलन (निस) : हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से बिजली शुल्क पर सब्सिडी समाप्त न करने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि ऐसा होने पर प्रदेश से उद्योगों का पलायन होगा। इसका असर प्रदेश की आर्थिकी और रोजगार पड़ेगा। एसोसिएशन के महासचिव राजीव सिंगला ने कहा कि पिछले 3 वर्षों से यह देखा जा रहा है कि हर साल उद्योग के लिए बिजली शुल्क में वृद्धि की जा रही है, लेकिन इस वर्ष 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी, बिजली शुल्क में असाधारण रूप से उच्च वृद्धि हुई है। सब्सिडी वापस लेने से उद्योग पूरी तरह से प्रतिस्पर्धी हो जाएगा और राज्य से पलायन तेज हो जाएगा।

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