शिमला, 15 अक्तूबर (निस)
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश सरकार को रोहतांग टनल से कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका को पुन:स्थापित करने को दिए अल्टीमेटम पर पूछा है कि जबकि बीआरओ ने इस पट्टिका के सुरक्षित रखने की बात कबूली है तो अब उसे कब पुन:स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसे कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहती, लेकिन अगर उसे निश्चित समय पर पुन:स्थापित नहीं किया जाता है तो सरकार कांग्रेस के किसी भी आंदोलन से निपटने को तैयार रहे। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
कुलदीप सिंह राठौर आज शिमला में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार इतिहास से छेड़छाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि रोहतांग टनल का शिलान्यास सोनिया गांधी ने 28 जून, 2010 को किया था। उनके नाम की शिलान्यास पट्टिका को वहां से हटाना लोकतंत्र की मर्यादा का हनन और पूरी तरह अनैतिक है। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत के बाद कम से कम बीआरओ ने माना तो सही कि शिलान्यास पट्टिका उनके पास है। उन्होंने बीआरओ से भी पूछा कि वह बताएयें कि उन्होंने यह पट्टिका किसके आदेश से निकाली थी और अब वह इसे कब पुन:स्थापित करने के लिए किसका आदेश चाहती है।
राठौर ने कहा कि रोहतांग टनल के निर्माण को लेकर जिस प्रकार की राजनीति भाजपा कर रही है वह बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी पट्टिका हटाने को गलत ठहराया है।
राठौर ने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों को राहत देने के बजाय उन पर मंहगाई थोप रही है। किसानों पर पहले ही एक काला कानून थोप दिया है, अब उसके बाद उनके कर्जों पर चक्रवृद्धि ब्याज वसूला जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के अस्पतालों में टेस्ट की दरें बढ़ाने की आलोचना करते हुए इसे रद्द करने की मांग भी की।
राठौर ने प्रदेश में सीमेंट कंपनियों की मनमानी पर भी हैरानी जताते हुए कहा कि प्रदेश में बनने वाला सीमेंट प्रदेश में ही महंगा और अन्य राज्यों में सस्ता है।