शिमला, 2 अक्तूबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में नई ई-व्हीकल पॉलिसी को धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो गई है। सरकार एक पखवाड़े में ई-व्हीकल पॉलिसी जारी करेगी। पॉलिसी के तहत सरकारी विभागों में ई-टैक्सियों को चलाया जाना है। ई-व्हीकल पॉलिसी के पहले चरण में परिवहन विभाग 500 ई-टैक्सियों को परमिट देगी। इसके लिए परिवहन विभाग बेरोजगारों से आवेदन मांगेगा। ई-व्हीकल पॉलिसी के तहत टैक्सी परमिट व उपदान लेने वाला बेरोजगार युवक ही इसमें चालक होगा। जानकारी के मुताबिक सरकार की सोमवार को ई-व्हीकल पॉलिसी को जारी करने की योजना थी, मगर अपरिहार्य कारणों से इसे पखवाड़ाभर आगे खिसकाया गया है। पॉलिसी का ड्राफ्ट पूरी तरह से तैयार है और किस विभाग को कितनी ई-टैक्सी चाहिए, उसका खाका भी आ चुका है। मगर योजना की लॉन्चिंग में अभी समय लगेगा। जानकारी के अनुसार इस दौरान मुख्यमंत्री के कई बड़े कार्यक्रम होने के चलते ई-व्हीकल की इस योजना को अभी कुछ समय बाद सामने लाया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक तय नियम व शर्तों के आधार पर लोगों को ई-टैक्सी के लिए आवेदन करना होगा। योजना का भविष्य लोगों द्वारा किए जाने वाले आवेदनों पर निर्भर करता है। देखना होगा कि कितने लोग इस योजना के लिए आवेदन करेंगे। परिवहन विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा था जिनसे उनकी ई-टैक्सी की जरूरत बारे जानकारी मांगी गई थी। परिवहन विभाग के पत्र के बाद अन्य सरकारी विभागों ने अपनी ई-टैक्सियों की मांग उसे भेज दी है। विभागों ने पहले से ही किराए पर फॉसिल फ्यूल से चलने वाली टैक्सियां ली हुई हैं। ई-व्हीकल नीति आने के बाद इनके स्थान पर इलेक्ट्रिक टैक्सियां विभाग किराए पर लेंगे। इसके अलावा भी लोगों को ई-टैक्सी लेने के लिए बुलाया जाएगा।
ड्राइवर नहीं, मालिक ही चलायेगा टैक्सी
जानकारी के अनुसार नई ई-व्हीकल नीति में शर्त यही है कि जो व्यक्ति ई-टैक्सी सबसिडी के लिए अप्लाई करेगा वही टैक्सी चलाएगा भी। यानी उस व्यक्ति की टैक्सी होगी और सरकार उसे रोजगार भी देगी। वह किसी अन्य को चालक के रूप में नहीं रख सकता है। इस शर्त के आधार पर यहां सरकारी महकमों में ई-टैक्सी चलेगी। वहीं टैक्सी की सभी किश्तें भी सरकार भरेगी। चालक, जो मालिक होगा उसका वेतन भी विभागों द्वारा ही दिया जाएगा।