Himachal Tragedy: सराज की नन्हीं नितिका बनी त्रासदी की सबसे मासूम गवाह, माता-पिता और दादी को खो चुकी बच्ची
सराज, 11 जुलाई (ट्रिन्यू)
Himachal Tragedy: 30 जून की भयावह रात हिमाचल प्रदेश के सराज क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा ने जहां कई परिवारों को उजाड़ दिया, वहीं तलवाड़ा गांव की 10 माह की मासूम बच्ची नितिका के जीवन में ऐसा सूनापन भर दिया है जिसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है।
नितिका के माता-पिता—नरेश कुमार और उनकी पत्नी, तथा दादी पुरणु देवी—उस रात बाढ़ के बढ़ते पानी को मोड़ने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। अचानक आए जलप्रवाह में तीनों बह गए और मासूम नितिका रसोई के एक कोने में बच गई। सुबह जब ग्रामीण पहुंचे तो बच्ची को सुरक्षित पाया गया।
आज इस बच्ची से मिलने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर। उन्होंने नितिका को गोद में लेकर उसे स्नेह दिया और कहा, “मासूम ने अभी ‘माँ’ कहना भी नहीं सीखा था, लेकिन अब उसकी माँ कभी वापस नहीं आएगी। वह कभी अपने पिता की उंगली पकड़कर चलना नहीं सीखेगी। यह त्रासदी मेरे सराज को ऐसे जख्म दे गई है जो जीवन भर नासूर बनकर रहेंगे।”
जयराम ठाकुर ने इस परिवार को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया और कहा कि यह बच्ची अब केवल एक परिवार की नहीं, पूरे सराज की बेटी है।
यह बच्ची पूर्व मुख्यमंत्री के PSO रहे बलवंत ठाकुर के परिवार से संबंध रखती है। बलवंत ठाकुर ने बताया कि कई लोग बच्ची को गोद लेने की इच्छा जता चुके हैं, लेकिन परिवार के लोगों ने स्पष्ट किया है कि यह बच्ची उनके लिए केवल एक अनाथ नहीं, बल्कि अपने भाई-बहन और मां की यादों का प्रतीक है, जिसे वे अपने परिवार से कभी अलग नहीं करेंगे।
नितिका की देखभाल उसकी बुआ कर रही हैं और पूरा परिवार अब इस नन्हीं बच्ची के उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।