शिमला (निस) : हिमाचल में कोरोना ने 69 और लोगों की जान ले ली। इनमें से 17 मौतें कांगड़ा में हुई जबकि शिमला में 11, सिरमौर में 8, हमीरपुर, मंडी और सोलन में 7-7, ऊना में 6, कुल्लू और बिलासपुर में 3-3 मरीज की मौत हुई। मरने वालों का आंकड़ा ढ़ाई हजार को पार कर 2516 पर पहुंच गया है। इनमें से 718 मौतें कांगड़ा जिला में हुई है। इसके अलावा शिमला में 487, मंडी में 281, सोलन में 226, ऊना में 187, हमीरपुर में 176, सिरमौर में 140, कुल्लू में 118, चंबा में 93, बिलासपुर में 44, किन्नौर में 31 और लाहौल स्पीति में 15 लोगों की अब तक कोरोना से जान जा चुकी है। आज प्रदेश में 3396 कोरोना के नए मामले मिले। सर्वाधिक 887 मामले कांगड़ा जिला में दर्ज किए गए जबकि शिमला में 442, मंडी में 389, सोलन में 354, हमीरपुर में 298, सिरमौर में 253, बिलासपुर में 229, ऊना में 187, चंबा में 176, कुल्लू में 109, किन्नौर में 48 और लाहौल स्पिति में 24 की पुष्टि हुई है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।