शिमला, 10 सितंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश में चंदन और खैर के पेड़ों के समयबद्ध कटान और इसकी बिक्री की अनुमति के लिए हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वन मंत्री राकेश पठानिया ने आज प्रदेश विधानसभा में कहा कि इस संबंध में सरकार ने दो रोज पूर्व 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि सरकार अदालत में प्रभावी ढंग से अपना पक्ष रखेगी और मामले को अपने पक्ष में करने का पूरा प्रयास करेगी। राकेश पठानिया आज विधानसभा में विधायक रमेश ध्वाला द्वारा गैर-सरकारी सदस्य कार्यदिवस के तहत सरकारी और निजी भूमि पर लगे खैर तथा चंदन के पेड़ों के समयबद्ध कटान और इसकी बिक्री को लेकर नीति बनाए जाने के मुद्दे पर लाए गए संकल्प पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। बाद में वन मंत्री के जवाब से संतुष्ट रमेश ध्वाला ने अपना संकल्प वापस ले लिया।
वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में खैर कटान का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने प्रदेश में तीन स्थानों पर ही खैर कटान की इजाजत दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरित कटान पर लगे रोक के एवज में 15वें वित्तायोग से 15 फीसदी ग्रांट दिए जाने का मामला उठाया है। उनका कहना था कि चंदन की लकड़ी को बेचने के लिए सरकार शीघ्र नीति तैयार करेगी। सरकार ने अपनी नर्सरी में चंदन के 60 हजार पौधे तैयार किए हैं और जल्द ही ये लोगों को वितरित किए जाएंगे।