धर्मशाला, 13 सितंबर (निस)
कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के प्रभारी एवं सुलह के विधायक विपिन परमार ने कहा कि हिमाचल में आपदा के समय सबसे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी पहुंचे और उन्होंने यहां के हालातों का जायजा लिया। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित भाजपा के तमाम पदाधिकारी आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचे। इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाकर करोड़ों का फंड जारी करवाया, लेकिन हिमाचल की कांग्रेस सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। विपिन परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सैलानी बनकर आपदा पीडि़तों के बीच पहुंच आर्थिक मदद की कोरी घोषणाएं कर रहे हैं। जब प्रभावित परिवार पैसा लेने के लिए प्रशासन के पास पहुंच रहा है, तो पता चल रहा है कि कोई पैसा नहीं आया है।
कांगड़ा के विधायक पवन काजल ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूरे जिले से कांग्रेस के दस विधायक होने के बाद भी महज एक मंत्रीपद दिया गया, जो कि कांगड़ा की 15 विधानसभा क्षेत्र के लाखों वोटरों का अपमान है। इससे लोगों में प्रदेश सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है।
एक अन्य भाजपा नेता त्रिलोक कपूर ने कहा कि आपदा के दो महीने बाद प्रियंका गांधी हिमाचल के लोगों का हाल जानने के बहाने सैर सपाटा करने आई हैं। त्रिलोक कपूर ने कहा कि प्रदेश की जनता को सब पता है कि कांग्रेस आपदा में राजनीति कर रही है।
राष्ट्रीय भोज पर टिप्पणी के लिए माफी मांगें सीएम
विपिन परमार ने कहा कि दिल्ली में जी-20 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति भवन की ओर से राष्ट्रीय भोज पर देश के तमाम मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसमें शामिल भी हुए, लेकिन शिमला पहुंचते ही सीएम ने बयान दिया कि वह भोज के लिए नहीं बल्कि अपनी बात रखने के लिए दिल्ली गए। परमार ने कहा यह देश के राष्ट्रपति द्वारा दिए गए भोज का अपमान है। इसलिए सीएम सुक्खू को माफी मांगनी चाहिए।