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हाईकोर्ट ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी को अपफ्रंट मनी लौटाने पर लगाई रोक

हिमाचल सरकार को राहत
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शिमला, 6 जनवरी (हप्र)

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड की अपफ्रंट मनी को ब्याज सहित लौटाने के फैसले पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने सरकार के आवेदन पर यह रोक लगाई। सरकार द्वारा ब्याज सहित लगभग 94 करोड़ रुपए जमा करने के पश्चात हाईकोर्ट ने यह रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं।

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हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कंपनी की याचिका को स्वीकार करते हुए 13 जनवरी, 2023 को फैसला दिया था जिसके तहत सरकार को कंपनी द्वारा जमा किए गए 64.00 करोड़ रुपये के अग्रिम प्रीमियम को 7 प्रतिशत ब्याज सहित वापस करने का आदेश दिया गया था।

28 अप्रैल, 2023 को सरकार ने इस फैसले को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पहले भी 21 अगस्त, 2023 को इस फैसले पर इस शर्त पर रोक लगा दी थी कि यदि प्रतिवादी उपरोक्त राशि कोर्ट में जमा करवाने में असमर्थ रहते हैं तो अंतरिम आदेश हटा लिए जाएंगे। राशि जमा न करने पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 15 जुलाई, 2024 को एकल पीठ के फैसले पर लगाई रोक को हटाने के आदेश जारी किए। इसके बाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कंपनी द्वारा दायर अनुपालना याचिका में 18 नवंबर, 2024 को हिमाचल भवन नयी दिल्ली को कुर्क करने के आदेश दिए और राशि जमा न करने के दोषी अधिकारियों का पता लगाने को कहा था। मामले के अनुसार वर्ष 2009 में राज्य सरकार ने प्रार्थी कंपनी को लाहौल स्पीति में 320 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट आवंटित किया था। सरकार और कंपनी के बीच समझौते के अनुसार सरकार द्वारा कंपनी को कुछ सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी थी ताकि समय पर प्रोजेक्ट का काम समय पर शुरू हो सके। प्रोजेक्ट लगाने के लिए मूलभूत सुविधाएं न मिलने के कारण कंपनी को प्रोजेक्ट बंद करना पड़ा। इस पर सरकार ने अपफ्रंट प्रीमियम जब्त कर लिया।

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