Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

आवास आवंटन पर हाईकोर्ट ने सुक्खू सरकार से किया सवाल

शिमला, 4 मार्च (हप्र) हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या शिमला में सरकारी मकान खाली होने से पहले ही अधिकारियों को आवंटित किए गए हैं। कोर्ट ने पूछा है कि यदि ऐसा है तो किस...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

शिमला, 4 मार्च (हप्र)

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या शिमला में सरकारी मकान खाली होने से पहले ही अधिकारियों को आवंटित किए गए हैं। कोर्ट ने पूछा है कि यदि ऐसा है तो किस नियम के तहत उन्हें आवास खाली होने से पहले ही आवंटित किए गए। जस्टिस ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने आवास आबंटन से जुड़े एक मामले की सुनवाई के पश्चात‍् यह आदेश जारी किए। कोर्ट द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब जीएडी विभाग के राज्य सचिव को हलफनामा दायर कर देना होगा।

Advertisement

उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव अमिताभ गौतम को 20 मई 2023 को टालैंड में सेट नंबर 1, टाइप -6, आवंटित किया गया था। यह आवंटन आवास के खाली होने से पहले ही कर दिया गया था क्योंकि उस समय इस आवास में आईएफएस अधिकारी राजीव कुमार रह रहे थे। इसके बाद जीएडी ने अधिसूचना जारी कर 26 सितंबर 2024 को यह आवास प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ) को आवंटित किए जाने का फैसला लिया। 1 फरवरी 2025 को राजीव कुमार ने आवास खाली कर दिया। याचिकाकर्ता के अनुसार उन्हें यह आवास आबंटित करने की बजाए आईएफएस अधिकारी समीर रस्तोगी को कर दिया। प्रार्थी का कहना था कि उन्हें यह आवास 20 मई 2023 को ही आबंटित कर दिया गया था इसलिए उन्हें सुने बिना ही उनका यह आबंटन रद्द कर दूसरे अधिकारी को दे दिया गया। कोर्ट ने 3 फरवरी को पारित आदेश में कहा था कि नियमों के अभाव में आवास को प्रथम दृष्टया केवल सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई किसी अधिसूचना के आधार पर निर्धारित नहीं किया जा सकता था।

Advertisement

Advertisement
×