शिमला, 26 फरवरी (निस)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। राज्यपाल ने इस दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य के लोगों के हित और प्रदेश को विकास व खुशहाली की राह पर आगे ले जाने के लिए उनकी सरकार के प्रयासों को सभी अपना पूर्ण सहयोग देंगे। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सरकार ने 31 दिसंबर तक प्रदेश के विभिन्न विभागों में 741 पद सृजित करने और 7748 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की है। वहीं, दैनिक भोगियों की न्यूनतम दिहाड़ी 250-520 से बढ़ाकर 275-572 और अंशकालीन कामगारों का पारिश्रमिक, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के तहत शामिल किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों के वेतन में उनको देय ग्रेड पे के 25 फीसदी की वृद्धि प्रदान की है। साथ ही एनपीएस के तहत कार्यरत कर्मचारियों जिनकी सेवानिवृत्ति या सेवाकाल के दौरान मृत्यु 15 मई 2003 से 21 सितंबर 2017 के अंतराल में हुई हो, उनको ग्रेच्युटी प्रदान करने के आदेश जारी कर दिए हैं। राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने राजस्व चोरी रोकने के मकसद से ई-गवर्नेंस ट्रेक एवं ट्रेस परियोजना की शुरूआत की। इसके अलावा, चालू वित्तीय वर्ष में कोविड-19 के प्रभाव के बावजूद करीब 4703 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया गया है।
ढ़ाई लाख हिमाचलियों को लाया सुरक्षित वापस
राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना संकटकाल के दौरान लगे लाकडाउन राशन, फल, सब्जी व दवाइयों जैसी आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी के लिए 1750 दुकानों को पंजीकृत किया। इनके माध्यम से 17 लाख परिवारों को आवश्यक वस्तुएं घर पर पहुंचाई गई। वहीं, लाकडाउन में देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे 2.50 लाख हिमाचलियों को सुरक्षित वापस लाया गया।
रोहतांग टनल हिमाचल के लिए अमूल्य उपहार
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्तूबर 2020 को अटल रोहतांग टनल को राष्ट्र को समर्पित कर प्रदेश को अमूल्य उपहार दिया है। इस टनल के बनने से मनाली से लेह के बीच दूरी 45 किमी. कम हुई है और इस क्षेत्र को वर्षभर सड़क सुविधा उपलब्ध हो गई है। उन्होंने कहा कि जनमंच कार्यक्रम के तहत एक जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक 30 जनमंच हुए।
ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 26 फरवरी
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के पहले ही दिन आज विपक्ष ने अभूतपूर्व हंगामा किया। सदन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का अभिभाषण आरंभ होने के कुछ ही मिनटों बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री अपनी सीट पर खड़े हो गए और कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने राज्यपाल से अभिभाषण को पूरा पढ़ने की भी मांग की। इस दौरान राज्यपाल ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच अपना अभिभाषण जारी रखा और कुछ देर बाद अभिभाषण खत्म कर सदन की कार्यवाही पहली मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यपाल के राजभवन के लिए वापिस जाने से पहले ही विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के गेट पर हंगामा आरंभ कर दिया। राज्यपाल जब राजभवन जाने के लिए बाहर निकले तो विपक्ष ने उनका रास्ता रोक दिया और हंगामा जारी रखा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज और अन्य नेता भी उनके साथ थे। इसी बीच विपक्ष के विधायक, नेता प्रतिपक्ष मुकेश मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में उग्र हो गए और उन्होंने राज्यपाल को पहले अपनी गाड़ी में बैठने से रोका तथा उनपर अभिभाषण की प्रतियां भी फेंकी। विपक्ष के विधायकों ने इस दौरान राज्यपाल के अंगरक्षक (एडीसी) और अन्य स्टाफ के साथ हाथापाई व धक्का-मुक्की भी की। इस बीच स्थिति बिगड़ती देख विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने मौके पर ही मार्शलों को रास्ता साफ करने के आदेश दिए ताकि राज्यपाल अपने गंतव्य की ओर जा सकें। इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष और विपक्ष के विधायकों में जोरदार धक्का-मुक्की भी हुई। राज्यपाल का काफिला बाद में भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच राजभवन की ओर रवाना हो गया। जबकि विपक्ष इसके बाद भी परिसर में हंगामा करता रहा और कुछ देर तक विपक्षी विधायकों ने परिसर में ही बैठकर धरना भी दिया।
भाजपा ने की कांग्रेस विधायकों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा है कि आज विधानसभा में जिस प्रकार से राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण के बीच में कांग्रेस के नेताओं द्वारा टिप्पणी की गई वह अशोभनीय है, ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि उसके बाद जब राज्यपाल विधानसभा से राजभवन की ओर जा रहे थे तो उनकी गाड़ी को कांग्रेस के विधायकों द्वारा जिस प्रकार से रोका गया है वह निंदनीय है। राज्यपाल के एडीसी के साथ भी धक्का-मुक्की हुई वह अशोभनीय है। इस घटनाक्रम से यह पूरी तरह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में पूरी तरह से बौखला गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के व्यवहार पर कांग्रेस के सभी नेताओं पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर सरकार के खिलाफ एक भी मुद्दा नहीं है, न कांग्रेस के पास कोई नेता है न नीति है। कांग्रेस इस प्रकार का शर्मसार व्यवहार कर केवल अपने आप को मीडिया में जिंदा रखना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से भेंट की
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अन्य मंत्रियों सहित आज राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की। यह एक शिष्टाचार भेंट थी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चैधरी, शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. राजीव सैजल, बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री सुख राम चैधरी और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस के 5 विधायक निलंबित
हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और उनके अंगरक्षकों के साथ धक्का-मुक्की करने के आरोपी कांग्रेस के पांच विधायकों को पूरे बजट सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। राज्यपाल के साथ घटे घटनाक्रम के बाद विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने नियम-346 के तहत सदन की बैठक फिर से बुलाई, जिसमें इन विधायकों को पूरे बजट सत्र के लिए सदन से निलंबित करने का फैसला लिया गया। निलंबित विधायकों में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहेात्री, हर्षवर्धन चौहान, सुंदर ठाकुर, विनय कुमार और सतपाल रायजादा शामिल हैं। इस मुद्दे पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि हिमाचल विधानसभा के इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आज घटी घटना से देवभूमि हिमाचल शर्मसार हुई है, क्योंकि जो राज्यपाल के साथ हुआ वैसा हिमाचल ही नहीं बल्कि देश में भी नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने विरोध की सारी सीमाएं लांघी है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की गाड़ी को तोड़ने और उनके साथ धक्का-मुक्की की घटना को सुनियोजित हमला करार दिया। इसी मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि विपक्ष ने सदन की श्रेष्ठ परंपराओं को तोड़ा है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने न केवल विधानसभा की परंपराएं तोड़ी हैं बल्कि संविधान का भी उल्लंघन किया है। वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि आज की घटना से देवभूमि हिमाचल देशभर में शर्मसार हुई है। मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर और खाद्य व आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की।
लोकतंत्र की हत्या कर रही सरकार : मुकेश अग्निहोत्री
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चुने हुए विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का रोका जा रहा है। राज्यपाल का काफिला रोकने पर विधायकों का निलंबन कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि विपक्ष के किसी भी सदस्य ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और स्पीकर को टच तक नहीं किया। विधानसभा की अपनी गरिमा है, जो नियमों और कायदों से चलती है। अग्निहोत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा करार दिया है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में कुछ भी नहीं था, इसलिए राज्यपाल इसे बिना पढ़े चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल के अभिभाषण में मंहगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, भर्तियों में धांधली और किसान आंदोलन का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि राज्यपाल का रास्ता रोकने की घटना के दौरान भाजपा के मंत्रियों और पुलिस व सीआईडी के लोगों ने कांग्रेस विधायकों से हाथापाई की इसलिये उनके खिलाफ भी कार्रवाई करे सरकार। अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस के सभी 20 विधायक एकजुट हैं। 5 का निलंबन किया है लेकिन अभी भी सदन के अंदर 15 हैं जो पूरी जनता की आवाज को उठाएंगे।
राज्यपाल का रास्ता रोकना निंदनीय : धूमल
हमीरपुर (निस) : वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने शुक्रवार को अपने निवास समीरपुर से जारी बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को जिस प्रकार की घटना हुई है वह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। प्रदेश विधानसभा चर्चा का बढ़िया प्लेटफॉर्म है और यहां की लोकतांत्रिक प्रणाली चर्चाओं का अन्य प्रदेशों में उदाहरण प्रस्तुत होता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक पद है और इस पद की अपनी एक प्रतिष्ठा और गरिमा होती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने महामहिम राज्यपाल महोदय का रास्ता रोकने को संविधान का रास्ता रोकना करार देते हुए कांग्रेस से सवाल किया कि क्या कांग्रेस का विश्वास उसी तरह संविधान से उठ गया है जैसे कि जनता का विश्वास कांग्रेस से उठ गया है।