रामपुर बुशहर (निस) : श्री अयोध्या नाथ मंदिर रामपुर बुशहर में बुशहर देव समाज (रामपुर – ननखड़ी) द्वारा बुशहर देव समाज की समृद्ध पुरातन संस्कृति के संचालन व संरक्षण के संदर्भ में सर्वसम्मति से कार्यकारिणी का गठन कारदार देवता साहब खंटू सेरी मझाली साधराम दोरटा की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से किया गया।अध्यक्ष प्यारे लाल नेगी ( सरपारा) 15/20, उपाध्यक्ष कृष्ण गोपाल ( कुमसू ) , बहादुर लाल शर्मा ( नोग गोढ़ी ) केदार सिंह श्याम केदार ( खदाहान ) कैशियर , विक्रांत बिष्ट को संयोजक , डॉ केदार ( कंशीन गोढ़ी ) , शिव सिंह ठाकुर ( बसाहरा ) व खेल चन्द नेगी ( नोग ) को वरिष्ठ सलाहकार , और सदस्य कार्यकरिणी के तौर पर ,बिहारी लाल डाहरी (देवठी दुर्गा सिंह मझगांव , राजू आंनद (खमाडी) , राम लोक खौश ( गान्वी 15/20) रोशन लाल धनगल , फकीर चन्द (क्याओ) व तनमय शर्मा को को मीडिया सचिव नियुक्त किया गया । इस अवसर पर रामपुर उपमंडल के 29 देवी देवताओं के कारदार, प्रधान, सचिव, वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद रहे ।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।