मंडी (निस) : विशेष न्यायाधीश ने दुराचार के दोषी को 20 साल की कैद के साथ जुर्माने की सजा सुनाई। जिला न्यायवादी, मण्डी कुलभूषण गौतम के अनुसार पीड़िता की माँ ने पुलिस थाना करसोग में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि दो मई 2020 को पीड़िता अपनी सहेली के साथ खेलने गयी थी तभी पीड़िता की माँ को उसके रोने की खबर मिली। पीड़िता ने कुछ नहीं बताया लेकिन उसकी सहेली ने बताया कि जब उसकी माँ घर में नहीं होती है तो पीड़िता का पिता उसके साथ दुराचार करता है और ऐसा वह पिछले 3-4 साल से करता आ रहा है। मामले की छानबीन निरीक्षक रंजन शर्मा ने की। दलीलेंं सुनने के बाद अदालत ने दोषी पिता को 20 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 50,000 जुर्माने की सजा सुनाई है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।