सोलन, 30 सितंबर (निस)
सफलता अक्सर व्यक्तियों को परिभाषित करती है, लेकिन असफलताएं ही उन्हें विजयी क्षणों की ओर ले जाती हैं। अपनी असफलताओं को खुलकर साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया, क्योंकि इससे न केवल दूसरों को इन अनुभवों से सीखने में मदद मिलती है बल्कि व्यक्तिगत विकास का मौका भी मिलता है। यह कहना है पर्वतारोही, अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता, लेखिका, महिला सशक्तिकरण के लिए भारत की राजदूत, वर्ल्ड लीडर समिट की प्रतिभागी और यूपी की जी-20 ब्रांड एंबेसडर तूलिका रानी का। शूलिनी विश्वविद्यालय ने स्क्वाड्रन लीडर तूलिका रानी (सेवानिवृत्त) की उपस्थिति में एक गुरु टॉक सत्र का आयोजन किया। उन्होंने असफलताओं को सफलता की दिशा में अपनी यात्रा के अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार करने के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम का आयोजन डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय पूनम नंदा और उनकी टीम द्वारा किया गया था।