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हिमाचल में डीजल तीन रुपये महंगा

शिमला, 15 जुलाई (निस/एजेंसी) हिमाचल प्रदेश सरकार ने डीजल पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) में शनिवार को तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। राज्य उत्पाद एवं कराधान विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि डीजल पर...

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शिमला, 15 जुलाई (निस/एजेंसी)

हिमाचल प्रदेश सरकार ने डीजल पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) में शनिवार को तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। राज्य उत्पाद एवं कराधान विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि डीजल पर वैट 9.90 प्रतिशत से बढ़ाकर 13.9 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे डीजल पर वैट 7.40 रुपये प्रति लीटर से तीन रुपये बढ़कर बढ़कर 10.40 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

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विपक्ष ने की निंदा

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पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने डीजल पर वैट बढ़ाने की आलोचना करते हुए कहा कि यह शुल्क वृद्धि ऐसे समय की गई है जब लोग अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहे हैं। ाकुर ने इस फैसले को अतार्किक बताते हुए कहा कि इससे लोगों पर भारी बोझ पड़ेगा। इसके अलावा डीजल की कीमत बढ़ने का परिवहन क्षेत्र पर व्यापक प्रभाव पड़ता है और मुद्रास्फीति बढ़ती है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार लोगों को आपदा में राहत देने के बजाय उन पर बोझ डालने का काम कर रही है।भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सुक्खू सरकार चुनाव में दी गई अपनी सभी 10 गारंटियों को भूल चुकी है।

बढ़ोतरी वापस न हुई तो उतरेंगे सड़क पर

हमीरपुर (निस) : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व प्रदेश कौशल विकास निगम के पूर्व वाइस चेयरमैन नवीन शर्मा ने डीजल पर की गई तीन रुपये की वृद्धि को वापस लेने की मांग प्रदेश सरकार से की है। उन्होंने कहा कि अगर डीजल के दाम में की गई बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती है तो भाजपा सड़कों पर उतरकर इस बढ़ोतरी का विरोध करेगी।

भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री ने भी कहा कि प्रदेश आपदा के दौर से गुजर रहा है और प्रदेश सरकार ने 7 माह के कार्यकाल में दो बार डीजल पर वैट बढ़ा दिया।

मुख्यमंत्री ने किया वैट वृद्धि का बचाव

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने नवंबर, 2022 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले वैट में सात प्रतिशत की कटौती की थी। ऐसे में राज्य सरकार को वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, लिहाजा राज्य को संसाधनों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सड़कों, जल-आपूर्ति व्यवस्था और बिजली को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है लेकिन क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को पूरी तरह बहाल करने में लगभग एक साल लगेगा। सुक्खू ने कहा कि डीजल पर वैट में बढ़ाेतरी के बावजूद राज्य में पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के मुकाबले डीजल सस्ता है।

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