शिमला, 4 फरवरी (निस)
केंद्र सरकार ने राज्यों से एनपीएस में अंशदान को लेकर जानकारी जुटानी प्रारंभ कर दी है। एक के बाद एक राज्यों द्वारा ओपीएस बहाली के बाद केंद्र सरकार ने यह जानकारी मांगी है। तमाम जानकारी मिलने के बाद राज्यों की आर्थिक स्थिति का आकलन करने के बाद केंद्र ओपीएस बहाली करने वाले राज्यों के अतिरिक्त कर्ज लेने पर बंदिश लगा सकता है। केंद्र द्वारा अतिरिक्त कर्ज लेने पर बंदिश लगाने की स्थिति में हिमाचल सहित कमजोर आर्थिक सेहत वाले राज्यों की सरकारों के समक्ष दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। नियमों में बदलाव के बाद केंद्र एफआरबीएम कानून के तहत तय सीमा से अधिक अतिरिक्त कर्ज लेने पर बंदिश लगा सकता है। जाहिर है कि इससे राज्य सरकारों को अपने संसाधन बढ़ाने होंगे।
गौरतलब है कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब व झारखंड के बाद हिमाचल में भी सरकार ने ओपीएस बहाली का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से एक लाख 36 हजार कर्मियों को राहत की उम्मीद है। ओपीएस बहाली के बाद राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिख कर हिमाचल के एनपीएस कर्मियों की कोष में जमा 8 हजार करोड़ से अधिक की रकम को वापस लेने बारे पत्र लिखा था। सूत्रों के अनुसार केंद्र ने नियमों में बदलाव का हवाला देते हुए फिलहाल इस रकम को लौटाने के बारे में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया है।