शिमला (निस) : मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने कहा है कि भाजपा ने सत्ता में आने के लिये झूठ बोल कर लोगों को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि आज भी भाजपा प्रदेश में लोगों को गुमराह करने का पूरा प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि धर्म, जाति और क्षेत्रवाद के नाम पर भाजपा इस उपचुनाव में वोट मांग रही है। प्रतिभा सिंह ने आज बंजार में लोगों से आग्रह किया कि वह उन्हें वोट देकर सफल बनायें। प्रतिभा सिंह ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी दो ऐसी जटिल समस्याओं ने आज देश प्रदेश को घेर रखा है जिससे लोग बेहद परेशानी में हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने सत्ता में आने से पहले हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वायदा किया था वह भी पूरी तरह झूठा साबित हुआ है। प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने जो भी वादा किया उसे उसने हर हाल में पूरा किया। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में जो विकास किया किए उनके काम पर कांग्रेस वोट मांग रही है,जबकि भाजपा विशेष क्षेत्र के नाम पर वोट मांग रहें है। कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा है कांग्रेस सरकार ने हमेशा ही महिला उत्थान के कार्य किये। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में जब गैस सिलेंडर 350 रुपये का मिलता था तब भाजपा के नेता बड़े-बड़े ढोल पीटकर इसके खिलाफ मगरमच्छी आंसू बहा कर लोगों को गुमराह किया करते थे। उन्होंने कहा कि आज यही गैस सिलेंडर 1100 रुपये के पार हो गया है और भाजपा के नेता इसे महंगा नहीं मानती। पूर्व मंत्री व कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अनिता वर्मा ने बंजार में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज महंगाई की सबसे ज्यादा मार मध्यम और गरीब वर्ग के उन परिवारों पर पड़ रही है जिनकी आय के साधन बहुत ही कम हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।