शिमला (निस) : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच हिमाचल के 441 विद्यार्थी सुरक्षित घर लौट चुके हैं। अब केवल 8 विद्यार्थी ऐसे हैं, जो यूक्रेन के पड़ोसी देशों में सुरक्षित पहुंच चुके हैं और अपनी इच्छा से फिलहाल भारत वापस नहीं आना चाहते। ऐसे में अब हिमाचल के केवल 9 विद्यार्थी ऐसे हैं, जो हिमाचल आना शेष रह गए हैं। ये सभी विद्यार्थी भी पोलैंड अथवा रोमानिया पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज एक विशेष वक्तव्य में कहा कि यूक्रेन के सुमी शहर में केवल दो ही विद्यार्थी फंसे थे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ऊना में यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों से मुलाकात की। अनुराग ठाकुर ने छात्रों से युद्धग्रस्त यूक्रेन के हालात तथा उनको भारत सरकार के माध्यम से वापसी के लिए मिली मदद के बारे में फीडबैक ली।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।