शिमला, 7 सितंबर (हप्र)
केंद्र की मोदी सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए औद्योगिक विकास योजना (आईडीएस) के वित्तीय परिव्यय में पर्याप्त वृद्धि करने को स्वीकृति प्रदान की है। उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने आज शिमला में कहा कि इस वृद्धि से राज्य के उन उद्यमों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्हें औद्योगिक विकास योजना के तहत उद्योग स्थापित करने के बाद सब्सिडी नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि संशोधित आईडीएस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में विनिर्माण कार्यों, जैव-प्रौद्योगिकी और जल विद्युत उत्पादन (10 मेगावॉट क्षमता) की इकाइयों को लाभ होगा। पूर्व अधिसूचित आईडीएस के अनुसार पहले 131 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय अनुमोदित किया गया था, जो लंबित देनदारियों को चुकाने के लिए अपर्याप्त था। इसके परिणामस्वरूप पात्र औद्योगिक इकाइयों के लिए सब्सिडी वितरण में देरी हो रही थी। प्रदेश सरकार द्वारा किये गए प्रयासों के बाद यह मामला केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष लाया गया और केंद्र सरकार ने अब हिमाचल और उत्तराखंड के लिए आईडीएस योजना तहत 1164.53 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी प्रदान की है।
इस बढ़े हुए परिव्यय से हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा और राज्य सरकार, भारत सरकार के साथ लंबित मामलों के पूर्व-पंजीकरण को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाएगी और योग्य इकाइयों को शीघ्र धन जारी करना सुनिश्चित करेगी। उद्योग मंत्री ने प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर सृजित करने और क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।