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ठियोग पेयजल घोटाले में 10 अधिकारियों पर गिरी गाज

सुक्खू सरकार ने दिए विजिलेंस जांच के आदेश

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फाइल फोटो
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शिमला, 3 जनवरी(हप्र)

शिमला जिला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में हुए पेयजल घोटाले की गाज जल शक्ति विभाग के 10 अधिकारियों व कर्मचारियों पर गिरी है। सुक्खू सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही विभाग ने मामले में लापरवाही बरतने वाले 5 अधिकारियों का निलंबन कर दिया है और 5 अन्यों के निलंबन को लेकर अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखा गया है। साथ ही पानी की आपूर्ति में सामने आए इस घोटाले में संलिप्त ठेकेदार को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।

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उल्लेखनीय है कि ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने बीते रोज पेयजल घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि बीते सालों में जो काम 12-13 लाख में होता रहा उसी पर जल शक्ति विभाग ने 1.12 करोड़ रुपये की रकम खर्च की। हैरानी की बात तो यह है कि पानी टीवीसी में ढोया गया। आरटीआई के तहत ली गई सूचना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि टैंकरों के नाम पर जिन वाहनों के नंबर दिए गए उनमें मोटर साइकिल एवं कारों के अलावा एक अफसर की गाड़ी भी शामिल है। दो ऐसे गांवों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति दर्शाई गई जहां सडक़ ही नहीं है।

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ये हुए निलंबित

इस मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद सरकार ने अधिशासी अभियंता अशोक कुमार भोपाल व बसंत सिंह, सहायक अभियंता राकेश कुमार, प्रणीत ठाकुर व विवेक शर्मा को निलंबित कर दिया है। जल शक्ति विभाग के एक आला अधिकारी ने निलंबन की पुष्टि करते हुए कहा कि इस मामले की विजिलेंस जांच को कहा गया है। विजिलेंस जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं प्रांरभिक जांच के बाद विभाग ने कनिष्ठ अभियंता मस्तराम बराग्टा, सुरेश कुमार, नीम चंद, सुदर्शन व सुनील कुमार को निलंबित करने के आदेश संबंधित अधीक्षण अभियंताओं को दिए गए हैं।

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