चंडीगढ़, 11 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा की आईटीआई में चल रहे जिन कोर्सों की मांग समाप्त हो चुकी है, उन्हें अब बंद किया जाएगा। प्रदेश की ईटीआई में जहां नये कोर्स शुरू होंगे वहीं विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भी नयी तकनीक अपनाई जाएगी। नये कोर्स शुरू करने से पहले आईटीआई इंस्ट्रक्टरों द्वारा औद्योगिक संगठनों के साथ बैठक की जाएगी। उनकी मांग के अनुसार नया पाठयक्रम तैयार किया जाएगा।
हरियाणा में चल रही आईटीआई में दो दर्जन से अधिक कोर्स करवाए जाते हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जिनकी शुरुआत 90 के दशक में आईटीआई की स्थापना के समय में की गई थी। कई कोर्स ऐसे हैं, जिनकी वर्तमान समय में मांग समाप्त हो चुकी है। सरकार ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के सभी ग्रुप इंस्ट्रक्टर या इंस्ट्रक्टर को नये कोर्सों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। नये कोर्सों का चयन स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप किया जाएगा।
नये कोर्स शुरू करने से एक तरफ जहां स्थानीय उद्योगों की जरूरतें पूरी होंगी तो वहीं दूसरी तरफ इससे युवाओं का रुझान भी आईटीआई की तरफ बढ़ेगा। इस तरह के कोर्स करके वे निजी क्षेत्र में पंसद के रोजगार हासिल करने में सक्षम होंगे। कम से कम दो ग्रुप इंस्ट्रक्टर या इंस्ट्रक्टर की टीम ऐसे कोर्सों के नाम और उनकी जरूरतों के बारे में एक संक्षिप्त नोट बनाकर निदेशालय में भेजेगी। कोर्स का नाम और नोट पंचकूला स्थित विभाग के मुख्यालय में संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) के नाम भेजना होगा।
इसके बाद, विभागीय कमेटी इन कोर्सों को उपयोगी मानती है तो संबंधित टीम को एससीवीटी की स्वीकृति के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कहा जाएगा। ग्रुप इंस्ट्रक्टर या इंस्ट्रक्टर को इस काम के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से, उन्हें इस कार्य के लिए 50 हजार रुपये का मानेदय भी दिया जाएगा। मानदेय विभागीय कमेटी से एनसीवीटी के प्रारूप में हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने की अनुमति मिलने के बाद दिया जाएगा। संबंधित टीमें यह कार्य छुट्टी के दिन या आईटीआई के कार्यालय समय के बाद करेंगी ताकि उनका नियमित कार्य प्रभावित न हो। इससे पहले सरकार ने डाइट संस्थानों में होने वाले जेबीटी प्रशिक्षण पर रोक लगा चुकी हैै। नये सत्र में जेबीटी के दाखिले नहीं होंगे।
युवाओं का कम हो रहा रुझान
आईटीआई में चल रहे कई कोर्सों की डिमांड कम होने के कारण बच्चों ने दाखिला लेना ही बंद कर दिया है। पुराने कोर्स और प्रशिक्षण की पद्धति पुरानी होने के कारण युवाओं का आईटीआई के प्रति रूझान कम होता जा रहा है। आईटीआई को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने अब आईटीआई में उद्योगों की मांग तथा वर्तमान परिवेश को आधार बनाकर नये कोर्स शुरू करने का फैसला किया है।