सुरेंद्र मेहता/ हप्र
यमुनानगर, 19 अक्तूबर
पराली के धुएं ने यमुनानगर की हवा को ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा दिया है। मंगलवार को यमुनानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 345 दर्ज किया गया, जो देश में सबसे ज्यादा है। इसके बावजूद कई इलाकों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आईं। यमुनानगर जिले में 50 से अधिक किसानों को पराली जलाने पर जुर्माना किया गया है। कई किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिलाधीश मुकुल कुमार ने धारा 144 के तहत आदेश जारी करते हुए जिले में तुरंत प्रभाव से धान की फसल के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर निर्मल कुमार ने यमुनानगर में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण की पुष्टि करते हुए कहा कि इसके कई कारण हो सकते हैं।
नियंत्रण संभव, राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी : केजरीवाल
नयी दिल्ली (एजेंसी) : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर बहुत कम समय में काबू पाया जा सकता है, लेकिन ऐसा करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी दिखाई देती है। केजरीवाल ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फसल अवशेषों को एक साल के भीतर अवसर में बदला जा सकता है, बशर्ते पराली जलाने पर रोक के लिए एक निश्चित समयसीमा हो। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को बायोगैस, कोयले और यहां तक कि कार्डबोर्ड में भी बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि धान के पुआल को कंप्रेस कर बायोगैस या कुकिंग कोल में बदला जा सकता है। करनाल में कुछ कारखाने ऐसा कर रहे हैं। केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ मासिक बैठकें करने का अनुरोध भी किया।
2500 पर्यावरण मार्शलों की होगी तैनाती : दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए शुरू किए गये ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए शहर में 2500 पर्यावरण मार्शल तैनात किये जाएंगे। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि ये मार्शल 100 ट्रैफिक सिग्नल पर तैनात होंगे।
सम-विषम योजना अंतिम विकल्प : मंत्री गोपाल राय ने कहा कि वायु प्रदूषण से लड़ने में सम-विषम योजना लागू करना ‘अंतिम विकल्प’ होगा। राय ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर अन्य सभी रास्ते विफल हो जाते हैं तो दिल्ली सरकार सम-विषम योजना लागू करने के बारे में सोचेगी।