सुरेंद्र मेहता/ हप्र
यमुनानगर, 19 फरवरी
हरियाणा बिजली वितरण निगम के कई कर्मचारी विभाग की लाखों रुपए की राशि को फर्जी वाउचर तैयार करके हड़प रहे थे। बिजली निगम के कर्मचारियों के एरियर, ग्रेचुएटी और पेंशन में लाखों रुपए की हेराफेरी की गई है। मामले में समालखा पुलिस ने बिलासपुर के एक्सईएन नीरज कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। समालखा एक व्यक्ति की शिकायत पर 8 फरवरी को धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। बता दें कि एक्सईएन नीरज कुमार के पास जगाधरी का चार्ज भी रह चुका है। मामला खुलने के बाद आरोपी एक्सईएन ने वाउचर घोटाले के संबंध में बिलासपुर व यमुनानगर थाना में मामले दर्ज करवाए हैं, लेकिन जांच के दौरान बिलासपुर के एक्सईएन अपने ही बुने जाल में फंस गए। समालखा पुलिस ने पूछताछ के लिए एक्सईएन को गिरफ्तार कर लिया।
अकाउंट में आयी राशि, तो दी शिकायत
पानीपत के अनिल ने पुलिस को शिकायत दी कि उसके अकाउंट में लाखों रुपए की राशि आई है। मामला दर्ज होने के बाद जांच की गई तो पता चला कि यह ट्रांजेक्शन बिजली निगम यमुनानगर के बिलासपुर व जगाधरी कार्यालयों से की गई थी। इस तरह की 12 से अधिक ट्रांजेक्शन मिली, इसमें 50 लाख से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई थी।
दोनों जगहों का होगा आॅडिट
यमुनानगर बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र कुमार (एसई) ने एक्सईएन नीरज कुमार को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि एक्सईएन की गिरफ्तारी की सूचना मुख्यालय को भेज दी गई है। इस सारे मामले की जहां पुलिस जांच करेगी ,वहीं बिजली निगम की ऑडिट टीम से भी सारे मामले की गहराई से जांच करवाई जाएगी।
एक्सईएन ने अपने स्टाफ पर दर्ज कराया था केस
मामला सामने आने के बाद बिलासपुर के एक्सईएन नीरज कुमार ने अपने कार्यालय में जांच शुरू करवाई तो कई वाउचर संदिग्ध मिले। इसकी जांच में पता चला कि इस कार्यालय से 63 लाख की फर्जी ट्रांजेक्शन की गई है। उन्होंने बिलासपुर थाना में इस संबंध में अपने कार्यालय के उपाधीक्षक राकेश नंदा, एलडीसी राघव वधावन, चक्रवर्ती शर्मा व योगेश लांबा के खिलाफ शिकायत देकर मामला दर्ज करवाया। बिलासपुर थाना सब इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि चारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।
ऐसे रची साजिश
समालखा में रहने वाले अनिल शर्मा ने दर्ज करवाई रिपोर्ट में लिखवाया कि उसके एक जानकार ने उससे लोन दिलवाने के लिए उसके दस्तावेज लिए। उसके बाद उसके अकाउंट में लाखों रुपए की राशि डाली गई। इसके बाद वही आदमी उसके पास आया और राशि गलती से उसके खाते में डाले जाने की बात कह कर पैसे निकलवा कर ले गया। अनिल शर्मा को इस पर शक हुआ तो उसने बैंक में जाकर पता करवाया कि यह राशि कैसे और कहां से आई थी। जांच में पता चला कि यह राशि बिजली निगम कार्यालय यमुनानगर, जगाधरी से ट्रांसफर की गई थी। इसके बाद उसने मामले की सूचना पुलिस को दी। समालखा पुलिस में जांच की और वाउचर कब्जे में लिए। जांच करते हुए पुलिस बिलासपुर व जगाधरी पहुंची।