कैथल, 20 दिसंबर (हप्र)
साहित्य सभा कैथल द्वारा आरकेएसडी कालेज कैथल में वार्षिक कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह और पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डा. हिम्मत सिंह सिन्हा नाजिम वरिष्ठ भाषाविद् एवं साहित्यकार ने मुख्यातिथि के रूप में तथा समाजसेवी, उद्योगपति व हैफेड चेयरमैन कैलाश भगत ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. चंद्रत्रिखा निदेशक हरियाणा साहित्य अकादमी एवं हरियाणा उर्दू अकादमी पंचकूला ने की। सम्मान समारोह के दौरान देश-प्रदेश के 22 साहित्यकारों को उन द्वारा की गई साहित्य-सेवा के लिए सम्मानित किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम में 13 नवप्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण मुख्यातिथि, विशिष्ट अतिथि, कार्यक्रम अध्यक्ष और वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा किया गया।
सम्मान समारोह के दौरान डा. प्रद्युम्मन भल्ला के संचालन में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रो. अमृत लाल मदान ने अस्तित्व का लोकतंत्र नामक कविता के माध्यम से कहा, चिर उर्वरा वसुंधरा, अभिव्यक्त करती आई है, निज को सर्वदा। विविध रूपों में। कालेज प्राचार्य डा. संजय गोयल ने कहा कि साहित्य में शक्ति होती है। समारोह की अध्यक्षता कर रहे डा. चंद्रत्रिखा ने कहा कि लिखते समय सेलेब्रिटी होने का भ्रम मत पालिए। लिखिए तभी जब शब्द आपको लिखने को मज़बूर करें। अपने से सवाल कीजिए कि आप क्यों लिखते हैं। लिखते समय शब्दों के प्रति ईमानदारी बरतिए। प्रशंसकों से बचकर रहिए। उन्होंने कहा कि शब्द ब्रह्म है, इसलिए इसका गलत प्रयोग करके ब्रह्म की हत्या न करें। कवि सम्मेलन में इनके अतिरिक्त श्याम सुंदर गौड़, दिलबाग सिंह, सुमन सिरोही, अर्चना कोचर, कमलेश शर्मा व सतपाल पराशर आदि ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को आनंदित किया।
इन को किया सम्मानित
सम्मान समारोह में हरिकृष्ण द्विवेदी, डा. हिम्मत सिंह सिन्हा नाजिम कुरुक्षेत्र, देशराज शर्मा, भिवानी के पत्रकार अजय मल्होत्रा, संजय शोख पटियाला, अंजू चौधरी करनाल, डा. सुभाष कुरुक्षेत्र, डा. विश्वबंधु शर्मा रोहतक, केशव मोहन पांडे दिल्ली, जनक राज शर्मा सिरसा, अर्चना कोचर रोहतक, डा. अशोक नादिर पंचकूला, डा. विवेक सिंगला जींद, रुझान चौधरी सिरसा, सुरेखा शर्मा गुरुग्राम, अनिल शूर आज़ाद दिल्ली, निशान सिंह पिपली, अशोक जैन गुरुग्राम, अंजलि शिखर अंबाला को सम्मानित किया गया। पंकज आत्रेय को डा. दामोदर वासिष्ठ स्मृति पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया। दिलबाग सिंह बाग, अशोक अग्रवाल नूर और नीरज मनचंदा हिसार को सम्मानित किया गया।
13 पुस्तकों का हुआ लोकार्पण
साहित्य सभा द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह के अंतर्गत प्रो. अमृत लाल मदान की 2 पुस्तकों शून्यनाथ की मुस्कान और लघुकथा संग्रह मोम के पांव का, डा. हरीश झंडई के लघु कविता संग्रह क्षणों के प्रतिबिंब का, रिसाल जांगड़ा के हरियाणवीं दोहा संग्रह जग दरपन का, हरि कृष्ण द्विवेदी के ग़ज़ल संग्रह एहसास के फूल का, डा. प्रद्युम्न भल्ला के आध्यात्मिक गीत, ग़ज़ल और कविता संग्रह जग ढ़ूंढ़ता है जिसको का, सतपाल शास्त्री पराशर के ग़ज़ल संग्रह दिल का शीशा का, महेंद्र पाल सारस्वत के भजन संग्रह हितैषी भजनोपदेश पिटारा का, डा. मधुकांत के लघुकथा संग्रह मेरी प्रेरक लघुकथाएं, रामफल गौड़ धनौरी के लघुकथा संग्रह प्रतिदान का और श्याम सुंदर शर्मा गौड़ के कविता संग्रह काव्य कुंज पुस्तक आदि का लोकार्पण किया गया।