अम्बाला शहर, 4 जनवरी (हप्र)
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर 12 जनवरी को उपायुक्त कार्यालय के घेराव कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर जिला कार्यकारिणी की बैठक जिला प्रधान कमलजीत बखतुआ के नेतृत्व में शिक्षा सदन में हुई। मीटिंग का संचालन जिला सचिव महावीर पाई ने किया। बैठक में चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने जारी किए गए तुगलकी फरमान वापस नहीं किए गए तो 12 जनवरी को डीसी कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
एसकेएस के राज्य महासचिव सतीश सेठी, प्रेस प्रवक्ता इन्द्र सिंह बधाना सहित अनेक कर्मचारी नेताओं ने कहा कि नववर्ष पर जहां कर्मचारी सरकार से अपनी मानी गई मांगों को पूरा करने के इंतजार में थे वहीं सरकार ने उसके उलट 1518 ग्रुप डी में खेल कोटे से भर्ती हुए कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया। इसके साथ साथ कर्मचारियों को जबरी रिटायरमेंट के फरमान भी जारी कर दिए लेकिन किए गए वादे के अनुसार 1983 पीटीआई व केबिडी के सफाई कर्मचारियों एडजस्ट नहीं किया जा रहा। बैठक को पीडब्ल्यू डी मैकेनिकल वर्कर यूनियन से रविंद्र शर्मा, रोडवेज से बीरभान बैनीवाल, टूरिज्म से राजपाल वर्मा, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से अशोक सैनी, पैक्स से सुरेंद्र राणा, हेमसा से ओमप्रकाश, अग्निशमन कर्मचारी यूनियन से रणदीप सहित अनेक विभागीय यूनियनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।
नौकरी से निकाले कर्मचारियों को वापस लेने की मांग
एसकेएस नेताओं ने मांग की है कि नौकरी से निकाले गए सभी कर्मचारियों को वापस लिया जाए। ठेका प्रथा समाप्त कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए। एनपीएस रद्द करके पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए। श्रम कानूनों की जगह लेबर कोड सहित तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 वापस किया जाए। डीए पर लगाई गई रोक को हटाया जाए व कटौती किए गए डीए का भुगतान किया जाए। प्री मैच्योर रिटायरमेंट का आदेश वापस लिया जाए और प्रमोशन में टेस्ट की शर्त लगाने के प्रस्ताव को रद्द किया जाए। वर्कलोड के अनुसार नए पद सृजित कर सभी खाली पदों को नई भर्ती से भरा जाए।