चंडीगढ़, 25 सितंबर (ट्रिन्यू)
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पर केंद्र सरकार ने देशभर की महिलाओं को दुविधा में डाल दिया है। क्योंकि अभी तक यह साफ नहीं है कि यह अधिनियम कब लागू होगा। राधिका खेड़ा सोमवार को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि 1989 में पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की शुरुआत की। इसके लिए जब बिल पेश किया गया तो भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेई, यशवंत सिंह और राम जेठमलानी ने उसके विरोध में वोट किया। वह बिल लोकसभा में पारित हो गया लेकिन राज्यसभा में केवल 7 वोटों से गिर गया।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लागू करवाने के लिए कांग्रेस ने वर्षों तक लंबी लड़ाई लड़ी है। वर्ष 2016 में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मांग की कि मोदी सरकार 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित करे। फिर उन्होंने 2017 में पीएम मोदी को पत्र लिखा। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2018 में भी मांग की कि मोदी सरकार लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित करे। राधिका खेड़ा ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के प्रधानमंत्री नए संसद भवन में पहला काम देश की आधी आबादी को ठगने का किया गया है।