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‘वूमनिया जीडीपी’ अभियान लॉन्च

जींद (जुलाना), 18 फरवरी (हप्र) जुलाना के बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच एवं ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान के जनक सुनील जागलान ने अब भारतीय महिलाओं द्वारा किए जा रहे ‘अवैतनिक घरेलू काम’ को मान्यता देने के लिए अपने 75वें अभियान...

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सुनील जागलान
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जींद (जुलाना), 18 फरवरी (हप्र)

जुलाना के बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच एवं ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान के जनक सुनील जागलान ने अब भारतीय महिलाओं द्वारा किए जा रहे ‘अवैतनिक घरेलू काम’ को मान्यता देने के लिए अपने 75वें अभियान के रूप में ‘वुमनिया जीडीपी’ लॉन्च किया है।

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सुनील जागलान ने रविवार को बताया कि इस अभियान का उद्देश्य यह है कि रोजाना घंटों तक घरेलू काम करने के लिए महिलाओं के योगदान को महत्व दिया जाना चाहिए। परिवार में पुरुष सदस्य जैसे पति और अन्य सदस्य घरेलू काम करने वाली महिलाओं के खाते में कुछ राशि डालते हैं, तो यह उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता देगा।

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सुनील जागलान ने बताया कि एक रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं का अवैतनिक घरेलू काम जीडीपी का लगभग 7.2 प्रतिशत है। जिसका मतलब है कि अगर सभी महिलाओं को उनके घरेलू कामों के लिए भुगतान किया जाए तो यह जीडीपी का 7.2 प्रतिशत हिस्सा होगा। ‘वुमनिया जीडीपी’ अभियान हरियाणा के हिसार, जींद व गुरुग्राम जिलों में शुरू किया गया है। उनका मुख्य ध्यान ग्रामीण महिलाओं पर है। इसके अलावा उतर प्रदेश व महाराष्ट्र के कई जिलों में भी यह अभियान जमीनी स्तर पर शुरू किया है। इस अभियान में पुरुष सदस्यों को भी शामिल किया गया है, ताकि उन्हें यह एहसास कराया जा सके कि वे अपने परिवार में महिलाओं को सशक्त बनाने में कैसे योगदान दे सकते हैं और वित्तीय स्वतंत्रता कैसे उनके जीवन को बदल सकती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान महिलाएं स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने में भी सशक्त महसूस करेगी और साथ ही इससे पितृसत्तात्मक मानसिकता में भी बदलाव आएगा।

क्यों जरूरी हुआ अभियान

सुनील जागलान ने बताया कि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) शब्द हमेशा खबरों में रहता है, लेकिन क्या आपने कभी उन वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के बारे में सोचा है,जो जीडीपी डेटा संग्रह के दायरे से बाहर हैं, यानी महिलाओं का अवैतनिक घरेलू काम। उन्होंने कहा कि महिलाओं के ‘अवैतनिक घरेलू काम’ ने उन्हें एक दिन बैठकर इस पर सोचने पर मजबूर कर दिया। जिसके चलते उन्होंने ‘वुमनिया जीडीपी’ अभियान शुरू किया। उन्हें पता चला है कि महिलाओं की दूसरों पर वित्तीय निर्भरता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनके सामने आने वाली सभी प्रमुख समस्याओं से जुड़ी हुई है।

मन की बात में पीएम कर चुके कार्यों का जिक्र

दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुनील जागलान बीबीपुर गांव के वही तत्कालीन सरपंच हैं, जिन्होंने वर्ष 2012 में बेटी बचाओ अभियान शुरू किया। उसके बाद उनके द्वारा शुरू किए गए सेल्फी विद् डॉटर अभियान की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 बार मन की बात व अमेरिका व इंगलैंड के कार्यक्रमों में सराहना की। पूर्व सरपंच सुनील जागलान पर कई भाषाओं में डॉक्यूमेंटरी फि़ल्म के अलावा दूरदर्शन पर सीरियल भी बन चुका है।

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