ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 20 सितंबर
आर्य डायग्नोस्टिक सेंटर और नर्सिंग होम में भ्रूण लिंग जांच की शिकायत मिलने पर रविवार रात को सिविल अस्पताल की टीम ने अस्पताल में छापा मारा। वहां से अल्ट्रासाउंड करने के लिए जरूरी कोई रिकार्ड नहीं मिलने पर सीएमओ डॉ. जयभगवान जाटान ने अस्पताल के दंपति चिकित्सक और एजेंट बनी महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए सिविल लाइन थाने को लिखा है। सीएमओ डॉ. जयभगवान ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि जयपुर की महिला रविवार को आर्य डायग्नोस्टिक सेंटर और नर्सिंग होम में लिंग जांच के लिए आने वाली है। इस पर सीएमओ ने डॉ. गौरव पुनिया, डॉ. संदीप जैन और 2 अन्य कर्मचारियों सहित 3 पुलिस कर्मचारियों की टीम बनाई। जैसे ही रविवार शाम को जयपुर की महिला लिंग जांच के लिए पहुंची तो कुछ ही देर में कैथल अस्पताल की टीम ने रेड कर दी। जब टीम अस्पताल पहुंची तो महिला का अल्ट्रासाउंड करने से पहले किसी चिकित्सक की पर्ची मांगी तो वह नहीं उपलब्ध करवाया गया। फार्म-एफ नहीं भरा गया था, रजिस्टर में एंट्री नहीं थी और न ही कोई महिला की आईडी ली गई थी। पूछताछ में बिचौलिया बनी महिला ने बताया कि उसने 40 हजार रुपये में 10 दिन पहले अल्ट्रासाउंड करवाया था। उसमें चिकित्सक ने उसे गर्भ में लड़का होने की बात कही थी लेकिन आज वे दोबारा लड़का होने की पुष्टि करने के लिए आए थे।
दोबारा भी उसके गर्भ में लड़का होने की बात कही गई। बताया जा रहा है कि गर्भ में लिंग की जांच करवाने वाली महिला की 11 साल की लड़की है। डॉ. जयभगवान ने बताया कि इनकार नहीं किया जा सकता कि गर्भ में पल रहे लिंग की जांच करवाने वाली महिला ने पहले भी लिंग की जांच नहीं करवाई हो। पुलिस ने अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज अपने कब्जे में ले ली है और इसकी जांच की जाएगी कि यह महिला 10 दिन पहले भी अस्पताल में आई थी या नहीं। इस बारे में सिविल लाइन थाना प्रभारी गुरविंद्र सिंह ने बताया कि हमारे थाने से 3 कर्मचारी सिविल सर्जन की टीम के साथ गए हुए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आर्य डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डॉ. विजय आर्य ने बताया बताया कि यह महिला पहले कभी उनके अस्पताल में नहीं आई और न ही उनके द्वारा उनकी लिंग की जांच की गई है।