रोहतक, 13 अक्तूबर (निस/हप्र)
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा किसी पार्टी का समर्थन नहीं करेगा, भाजपा-जजपा प्रत्याशी का विरोध जरूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को एक साल होने वाला है, लेकिन अभी तक सरकार हठधर्मिता अपनाए हुए है। उन्होंने साफ कहा कि जब तक तीन कृषि कानून वापस नहीं होते और एमएसपी पर खरीद गारंटी कानून नहीं बनता है, तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी बुधवार को मकडौली टोल प्लाजा पर पहुंचे और 16 अक्तूबर को होने वाली किसान महापंचायत की तैयारियों का जायजा लिया। इस मौके पर भाकियू की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कांता आलड़िया, हुड्डा खाप प्रधान ओमप्रकाश हुड्डा व रोहतक की टीम मौजूद रही।
तमिलनाडु से कुंडली बॉर्डर पहुंचे सीटू से जुड़े कर्मचारी
सीटू तमिलनाडु से जुड़े करीब 500 परिवहन कर्मचारी एकजुटता के साथ किसान आंदोलन में शामिल होने और आंदोलन को मजबूत करने के लिए कुंडली मोर्चा पर पहुंचे। इससे भारत के दूरदराज के हिस्सों में किसान आंदोलन की सक्रिय भागीदारी और प्रसार ने भाजपा व आरएसएस के लोगों के बयानों पर विराम लग गया।
एसकेएम अब 16 को फूंकेगा पुतले
मोर्चा समन्वय समिति सदस्य बलबीर राजेवाल ने कहा कि 15 अक्तूबर को पुतला दहन कार्यक्रम को हिंदू-सिख करने का प्रयास किया गया जबकि संयुक्त किसान मोर्चा की ऐसी कोई मंशा नहीं है इसलिए इसमें बदलाव करते हुए 16 अक्तूबर को भाजपा नेताओं के पुतले फूंके जाएंगे।
केन्द्रीय मंत्री का दावा फ्लॉप साबित
नूंह/मेवात (निस) : गुरुग्राम के सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के 11 अक्तूबर से बाजरे की सरकारी खरीद शुरू कराने के किये गये दावा भी फ्लॉप साबित हुआ है और लम्बे इंतजार के बाद जिला का किसान अपनी उपज को औने-पौने दामों में निजी आढ़तियों के यहां बेच रहा है। बुधवार को किसान नेता मार्किट कमेटी के सचिव व उप मंडलाधीश तावडू से अलग-अलग मुलाकात करने पहुंचे। किसान नेता काले खान, खलील अहमद, रामप्रसाद, सुरेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि केन्द्रीय राज्य मंत्री व क्षेत्रीय सांसद राव इन्द्रजीत सिंह के आश्वासन के बाद भी अभी तक मंडियों में बाजरे की सरकारी खरीद शुरू नहीं कराई गई हैं, और करीब एक पखवाड़े का लम्बा इंतजार के बाद अब किसान अपनी उपज को औने-पौने दामों में बेच रहा है।
सीतारमण के बयान पर एसकेएम ने जतायी नाराजगी
सोनीपत (निस) : संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लखीमपुर खीरी हत्याकांड की निंदा करते हुए अगले ही पल मंत्री और अन्य आरोपियों का बचाव करने की कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा और वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा अजय मिश्रा का इस तरह बचाव करने से न्याय की उम्मीद कम हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य दर्शन पाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण पहली केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं जिन्होंने लखीमपुर खीरी नरसंहार के बारे में कुछ तो कहा है। हालांकि यह बयान उन्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक सवाल के जवाब में देना पड़ा था। उन्होंने इसे बिल्कुल निंदनीय हिंसा कहा, लेकिन बड़े अजीब तरह से मंत्री और अन्य आरोपियों का बचाव करने की कोशिश की। किसानों ने 3 कृषि कानूनों पर अपनी मूल आपत्तियों को स्पष्ट और प्रभावी तरीके से बताया है। यह भी समझाया है कि केवल संशोधनों या एक समय अवधि के लिए निलंबन द्वारा बाजारों के गहन समस्याग्रस्त अविनियमन का समाधान नहीं होगा।