कैथल, 3 सितंबर (हप्र)
राशन में गरीबों को बांटे जाने वाली गेहूं की बोरियों का वजन बढ़ाने के लिए हैफेड कर्मचारियों ने उस पर पानी डाल दिया और बोरियों को गीला कर दिया। जींद रोड स्थित हैफेड कार्यालय के गोदाम में गेहूं की बोरियों पर पानी डालने की सूचना मिलने पर अधिकारियों ने जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। हैफेड चैयरमैन कैलाश भगत ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
जानकारी के अनुसार, रविवार को जींद रोड स्थित हैफेड के कार्यालय में बने गोदामों में रखी गेहूं की बोरियों को कर्मचारी पानी का पाइप लगाकर भिगो रहे थे। जैसे ही इसकी सूचना मीडिया कर्मियों को लगी तो वे तुरंत मौके पर पहुंच गए। मामले का भंडाफोड़ होता देखा कर्मचारियों ने आनंद-फानन में है कि हैफेड के कार्यालय के गेट बंद कर दिए। गेहूं का वजन बढ़ाने के लिए कर्मचारी अक्सर थैलों पर पानी का छिड़काव कर उसे गिला कर देते हैं। जबकि ऐसा गेहूं जब तक डिपो पर पहुंचता है तब तक वह काला पड़ जाता है और उसमें कीड़े भी लग जाते हैं। यही राशन मिड-डे मील और राशन डिपो को भी सप्लाई होता है। जो आम आदमी के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होता है।
‘दोषी कर्मचारियों को नहीं बख्शेंगे’
हैफेड डीएम सुरेश ने बताया कि उन्हें मामले की सूचना मिली तो वह तुरंत मौका पर पहुंचे। मामला गंभीर है। इसलिए इसकी जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी गठित की गई है। कमेटी ने 2 बजे तक रिपोर्ट देनी थी, लेकिन स्टॉक अधिक होने के कारण रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर, हैफेड के चैयरमैन कैलाश भगत ने कहा है कि वे पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। जिन कर्मचारियों ने ऐसा किया है। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। वह अभी किसी काम से जालंधर में है। सोमवार को वहां से लौटते ही दोषी कर्मचारी के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।