चंडीगढ़, 26 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के साथ चल रहे एसवाईएल विवाद का मुद्दा एक बार फिर जोर-शोर से उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब से बड़ी मात्रा में पानी पाकिस्तान जा रहा है, लेकिन पंजाब सरकार हरियाणा को उसके हिस्से का पानी देने को भी राजी नहीं है। सीएम ने यह भी कहा कि नंगल हाइडल चैनल के लिए भी एसवाईएल वैकल्पिक चैनल का काम करेगी। सीएम ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में अमृतसर में हुई उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक में यह मुद्दा उठाया।
बताते हैं कि गृह मंत्री ने इस पर नोटिस लेते हुए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बातचीत के जरिये इसका समाधान निकालने को कहा है। बैठक में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित उत्तर भारतीय राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
मनोहर लाल ने कहा कि राज्यों की साझा प्रगति के लिए विकास परियोजनाओं के सफल और त्वरित निष्पादन के लिए राज्यों के बीच सहयोग का माहौल स्थापित करना अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल का निर्माण न करने के बारे पंजाब का कहना है कि पानी की उपलब्धता कम हो गई है। लेकिन एसवाईएल का निर्माण और पानी की उपलब्धता दो अलग-अलग मुद्दे हैं और एक-दूसरे से जुड़े हुए नहीं हैं। इसलिए इस मामले में भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि रावी, सतलुज और ब्यास के पानी का अधिशेष, बिना चैनल वाला पानी पाकिस्तान में चला जाता है। आंकड़े रखते हुए सीएम ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सतलुज के पानी का औसतन 1.68 एमएएफ और रावी-ब्यास के पानी का 0.58 एमएएफ पाकिस्तान की तरफ गया है। इस राष्ट्रीय अपव्यय के सदुपयोग के लिए एसवाईएल जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा बांध/नंगल बांध से हरियाणा के लिए केवल एक कैरियर चैनल यानी 61 किमी लंबा नंगल हाइडल चैनल (एनएचसी) है।
इसका निर्माण 1954 के दौरान किया गया था, जो वर्तमान में 68 वर्ष पुराना हो गया है। यदि एनएचसी के पुराना होने की स्थिति में कोई दुर्घटना होती है, तो पूरी प्रणाली रुक जाएगी और हरियाणा को पानी की आपूर्ति नहीं हो पाएगी। ऐसे समय में एसवाईएल वैकल्पिक चैनल का काम भी करेगी। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा हमेशा से न्यायसंगत जल बंटवारे का समर्थक रहा है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के मुद्दों पर विचार-विमर्श करते समय हमें धूलकोट बीबीएमबी सब-स्टेशन की स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा, जो वर्तमान में मरम्मत के कार्यों के कार्यान्वयन में देरी से प्रभावित है।
इन मुद्दों पर बोले मुख्यमंत्री पीयू से हो कॉलेजों की संबद्धता
खट्टर ने पंजाब विवि, चंडीगढ़ में हरियाणा के कॉलेजों को संबद्धता देने का मामला भी उठाया। पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा का हिस्सा पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत प्रदान किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पहली नवंबर, 1973 को एक अधिसूचना जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया था। इससे पहले हरियाणा के तत्कालीन अंबाला जिले के कॉलेज इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध थे। इसलिए अब हमारा यह मत है कि हरियाणा के तीन जिलों -पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर के कॉलेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए।
पीपीपी उल्लेखनीय पहल
बैठक में 2001 और 2011 की जनगणना के मध्य डेटा देरी से जारी होने के मुद्दों पर बोलते हुए मनोहर लाल ने कहा कि इस दिशा में हरियाणा ने एक उल्लेखनीय पहल की है। इसकी बदौलत जनसांख्यिकीय डेटा एकत्रित करने और उपयोग करने के तरीके को बदल दिया है। हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान-पत्र नामक एक प्रगतिशील योजना शुरू की है। केवल आवधिक जनगणना डेटा पर निर्भर रहने के विपरीत, परिवार पहचान-पत्र हमें वास्तविक समय में अद्यतन जनसांख्यिकीय डेटा प्रदान करता है। योजना के माध्यम से, हमने एक व्यापक डेटाबेस तैयार किया है, जिसमें राज्य के प्रत्येक परिवार का डाटा है।
खेलों का पावर हाउस हरियाणा
मनोहर लाल ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से छोटा-सा प्रान्त होने के बावजूद हरियाणा में खेल प्रतिभाओं की कभी कोई कमी नहीं रही। जरूरत केवल इन प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल-सुविधाएं और अवसर प्रदान करने की थी। हमने इस दिशा में खिलाड़ियों को अनेक सुविधाएं और प्रोत्साहन देने का काम किया। इससे राज्य में एक नई खेल संस्कृति का जन्म हुआ और आज हरियाणा खेलों का पावर हाऊस बन चुका है। बैठक में हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर भी उपस्थित रहे।