सोनीपत, 17 अप्रैल (हप्र)
जिले के गांव जुआं के संजीत पहलवान ने ग्रामीणों के साथ मिलकर चंदे से खिलाड़ियों का भविष्य संवार दिया है। संजीत ने गांव के बदहाल राजीव गांधी खेल स्टेडियम को जिले का आदर्श स्टेडियम बनाकर उसमें खिलाड़ियों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी। उनकी मेहनत का आलम यह है कि स्टेडियम स्थित अखाड़े के पहलवान लगभग हर प्रतियोगिता में मेडल जीत रहे हैं। जूनियर नेशनल जीत के बाद अब नेशनल कैडेट कुश्ती में अखाड़े के 10 से अधिक पहलवानों ने मेडल जीते हैं।
गांव जुआं के रहने वाले संजीत पहलवान ने गांव के ही बदहाल राजीव गांधी खेल स्टेडियम को संवारने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने वहां अखाड़ा शुरू कर पहलवानों को कुश्ती के गुर सिखाने शुरू किए। इसके बाद में उन्होंने डालमिया, विनोद, मुकेश, कोच राजवीर छिक्कारा, कोच बलवंत छिक्कारा और कोच राजेश के साथ मिलकर अपने खर्च से स्टेडियम में सुविधाएं बढ़ानी शुरू की। स्टेडियम में जब कोई काम कराना होता है तो उसके लिए चंदा जुटाया जाता है। आज गांव जुआं का स्टेडियम जिले का इकलौता ऐसा स्टेडियम है जिसे इन लोगों ने आदर्श स्टेडियम बना दिया है। स्टेडियम के अखाड़े में करीब 100 पहलवान और वुशु के 35 खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। इसके अलावा दूसरे खेलों की सुविधाएं होने से यहां पर खिलाड़ी अभ्यास करते हैं।
ये हैं सुविधाएं
वुशू कोच , ग्राउंडमैन, 400 मीटर का ट्रैक, हरा-भरा मैदान, फुटबाल, हैंडबाल, बॉस्केटबाल व वालीबाल के लिए ग्राउंड, कुश्ती का अखाड़ा और इंडोर में दो कुश्ती मैट, मैदान में लाइटों की व्यवस्था, सफाई का विशेष प्रबंध, ट्रैक पर छिड़काव के लिए पानी की भूमिगत पाइप लाइन, बैठने के लिए कुर्सियां व बैंच, कुश्ती हाल में पंखे-कूलर, खिलाड़ियों के लिए आरओ वाटर, मैदान में छायादार पेड़ों से हरियाली, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, जलभराव से निपटने को दो बोरिंग की सुविधा उपलब्ध है।
नेशनल चैंपियनशिप में 10 पदक जीते
झारखंड के रांची में वर्तमान में चल रही नेशनल कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में गांव के स्टेडियम के 10 पहलवान मेडल जीत चुके हैं। इससे पहले बिहार में हुई नेशनल जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में भी अखाड़े के पहलवानों ने मेडल जीते थे। बता दें कि इससे पहले भी यहां के खिलाड़ी प्रदेश और देश में दमखम दिखा चुके हैं।
जिले के 16 में से 15 राजीव गांधी खेल स्टेडियम जहां बदहाली झेल रहे हैं, वहीं गांव जुआं का स्टेडियम मिसाल देने लायक है। इसके लिए ग्रामीण बधाई के पात्र हैं। लोगों का यह प्रयास खिलाड़ियों का भविष्य संवारने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
-शर्मिला राठी, जिला खेल अधिकारी, सोनीपत