राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 17 मई
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद के शहरी क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण कुछ कमजोर हुआ है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब हालात खराब हो रहे हैं। संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा कोरोना मरीजों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं, लेकिन यहां मदद मिलने के बजाय टाल दिया जाता है। यह हेल्पलाइन नंबर शोपीस बनकर रह गए हैं। राजनीतिक पार्टियों द्वारा जारी किए गए नंबरों पर पहले तो कोई फोन नहीं उठाता, यदि गलती से उठा भी ले तो दूसरे पदाधिकारी का नंबर देकर टाल दिया जाता है। वेंटिलेंटर और ऑक्सीजन दिलाने के नाम पर लगभग सभी पार्टियों के नेता हाथ खड़े कर देते हैं। हां, इतना जरूर है कि यदि खाने-पीने या आसानी से मिलने वाली दवाइयों की मांग की जाए तो वो उपलब्ध करवा देते हैं।
प्रशासन द्वारा जिन नोडल अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक किए गए हैं, लेकिन वो भी टाल-मटोल का रवैया अपनाते हैं। हालांकि भाजपा, कांग्रेस व जजपा जैसी राजनैतिक पार्टियां वैक्सीनेशन कैंप लगवाकर वाहवाही तो लूट रही है। जब इन कैंपों में वैक्सीन की कमी हो जाती है और ज्यादा लोग जुट जाते हैं तो यही नेता यहां से नौ दो ग्यारह हो जाते हैं।
प्रशासन की तैयारी
जिले में फिलहाल निजी और सरकारी अस्पताल में मिलाकर 675 आईसीयू बेड, 195 वेंटिलेटर और ऑक्सीजन वाले बेड की संख्या करीब 2 हजार है। 25 लाख की आबादी के हिसाब से यह बहुत ही कम है। प्रशासन ने दूसरी लहर से निपटने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास शुरू किए हुए हैं। छांयसा स्थित अटल बिहारी राजकीय मेडिकल कालेज में वेस्टर्न कमांड भारतीय सेना की ओर से 100 आक्सीजन बेड कोरोना के मरीजों के लिए शुरू किये गये हैं। अगले एक माह मे यहां 100 बेड और स्थापित किए जाने है, साथ ही 35 वेंटिलेटर भी लगाए जाने की योजना है। जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में 200 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करने वाला प्लांट स्थापित कर दिया है। नशा मुक्ति केंद्र सेक्टर-14 में 75 प्राथमिक ऑक्सीजन केंद्र शुरू किया गया। डीपीसी सेक्टर-81 ग्रेटर फरीदाबाद में 200 बेड का कोरोना सेवा केंद्र शुरू किया गया है। मानव रचना यूनिवर्सिटी के हास्टल में 120 बेड का डेडिकेटेड केाविड केयर सेंटर तैयार किया जा रहा है। जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में 46 बेड का आइसोलेशन वार्ड और 5 वेंटिलेटर है।
पीड़ितों को नहीं मिल रही किट
प्रदेश सरकार ने होम आइसोलेट मरीजों के लिए करीब 5 हजार रुपए की किट देने की घोषणा की थी। यह किट कुछ ही लोगों को मिली है। कई होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों ने किट न मिलने की शिकायत की है। फरीदाबाद में यह जिम्मा जिला प्रशासन ने नगर निगम के पार्षदों को सौंप दिया था, परंतु यह निर्णय सही साबित नहीं हो पाया, क्योंकि अभी भी लोग इस स्वास्थ्य किट के इंतजार में बाट जोह रहे है। भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों का भी कहना है कि यह कार्य या तो एरिया वाइज भाजपा के प्रतिनिधियों को देना चाहिए था या सरकार को अपने स्तर पर ही आंगनबाड़ी व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भिजवाना चाहिए था।
हेल्पलाइंस का हाल
सेनेटाइजर बांटने तक सीमित है जजपा
जजपा कोरोना महामारी में केवल सेनेटाइजर बांटने तक ही सीमित रह गई है। यहां कहने को तो जजपा का काफी बड़ा संगठन है, लेकिन लोगों को अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर दिलवाने में पूरी तरह से असफल साबित हो रहे है। जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला प्रदेश के डिप्टी सीएम है, इसके बावजूद जजपा नेता व कार्यकर्ता पीड़ितों को आपदा में सुविधाएं नहीं दे पा रहे हैं। जानकारी के अनुसार सेंटर पर वैक्सीन खत्म होने के बाद जब लोगों ने शोर मचाया तो जजपा नेताओं को वहां से चुपचाप खिसकना पड़ा।
सोशल मीडिया पर वाहवाही लूट रही कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस द्वारा कोरोना मरीजों की मदद के लिए एक टीम का गठन किया हुआ है। इस टीम के सदस्य लोगों को आक्सीजन, बेड, दवाइयां व और वेंटिलेटर दिलाने में सहयोग करने की बात करते हैं, लेकिन इनसे जब फोन पर बात की जाती है तो यह एक दूसरे पर टाल देते है। दवाइयां, सेनेटाइजर और ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए हां भर देते है, लेकिन अस्पताल में बेड और वेंटिलेटर दिलाने की बात आते ही हाथ खड़े कर देते हैं। पीड़ितों की मदद के बाद कांग्रेस सोशल मीडिया पर जमकर इसका प्रचार कर रही है।
भाजपा मदद के लिए जारी नंबर कर रहे गुमराह
भाजपा द्वारा लोगों की मदद के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पीड़ितों को गुमराह करने का काम कर रहे है। ऐसा ही एक वाक्या उस समय सामने आया जब खेमचंद नामक व्यक्ति ने अपने कोरोनाग्रस्त मित्र मोनू ठाकुर की बिगड़ती हालत को लेकर हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके वेंटिलेटर बेड की मांग रखी तो हेल्पलाइन पर मरीज की पूरी डिटेल मंगवा ली और फिर कहा कि आपको एक नंबर भेज रहे हैं, यह आपकी मदद कर देंगे, लेकिन जब खेमचंद ने उक्त नंबर पर फोन किया तो उन्हें यह कहा गया कि ऑक्सीजन बेड चाहिए तो दूसरे नंबर पर संपर्क करें। इसके बाद सीएमओ का नंबर भेज दिया गया, लेकिन अस्पताल में बेड और वेंटिलेटर नहीं दिलवा सके।
सिलेंडर के लिए भटक रहे हैं लोग
हाउसिंग डाट कॉम की सर्वे रिपोर्ट ने फरीदाबाद की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सर्वे में स्वास्थ्य के अलावा यहां की हवा, पानी की गुणवत्ता व स्वच्छता को शामिल किया था। सर्वे के अनुसार एनसीआर में प्रति हजार व्यक्ति पर 1.4 बेड उपलब्ध हैं। पिछले दिनों कोरोना संक्रमित को लेकर उनके स्वजन अस्पताल दर अस्पताल भटकते रहे। लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए तीन-तीन दिनों तक लाइनों में खड़े रहे। बेकाबू कोरोना की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों का भी बुरा हाल है। यहां मृत्यु भी बढ़ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक यदि यही स्थिति रही थी तीसरी लहर में स्थिति भयावह हो सकती है।