हरेंद्र रापड़िया/निस
सोनीपत, 18 सितंबर
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बॉर्डर पर एकतरफा रास्ता खुलवाने को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा गठित हाई लेवल कमेटी की 19 सितंबर को होने वाली बैठक में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया। मोर्चा का कहना है कि रास्ता किसानों ने नहीं बल्कि सरकार और पुलिस ने रोक रखा है। सुप्रीम कोर्ट मामले में हम पार्टी नहीं और इस संबंध में सरकार को जवाब देना है। ऐसे में उनका शामिल होने का कोई औचित्य ही नहीं बनता। उधर, हाई लेवल कमेटी में शामिल ऑला अधिकारी निर्धारित शेडयूल के मुताबिक चंडीगढ़ से चलकर मीटिंग स्थल पर पहुंचेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य बलबीर राजेवाल ने कहा कि दैनिक ट्रिब्यून से विशेष बातचीत में कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर एकतरफा रास्ता खुलवाने को लेकर सरकार की ओर आयोजित बैठक में किसानों को बुलावा भेजा गया था, लेकिन हमने बैठक में शामिल न होने का फैसला लिया है। किसानों ने धरना स्थल अपनी झोपड़ियों के बीच वाहनों के आवागमन का रास्ता छोड़ा हुआ है। रोज हजारों की संख्या में वाहन यहीं से होकर गुजरते हैं। दिक्कत यह है कि सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर बने किसानों के मुख्य मंच के ठीके पीछे बड़े पत्थर व बेरिकेडिंग करके रास्ता रोक रखा है। सरकार रास्ता खोलकर आम आदमी को भी राहत दे सकती है।
डीसी बोले, शेड्यूल के मुताबिक होगी बैठक
सोनीपत के डीसी ललित सिवाच ने बातचीत में बताया कि एकतरफा रास्ता खोलने को लेकर 19 सितंबर को दीनबंधू छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में प्रस्तावित हाई लेवल कमेटी की बैठक तय शेड्यूल के मुताबिक ही होगी। कमेटी में शामिल सभी आला अधिकारी मुरथल, सोनीपत पहुंचेंगे। 43 प्रमुख किसान नेताओं को सूचना भेजकर 17 सितंबर को बैठक में शामिल होने के लिए आग्रह किया गया था। उन्होंने उम्मीद जताई कि किसानों के प्रतिनिधि बैठक में शामिल होंगे।
27 के प्रस्तावित बंद को लेकर तैयारी
कुंडली बॉर्डर पर आयोजित पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक में 27 सितंबर के प्रस्तावित भारत बंद की तैयारियों पर चर्चा की गई। उनका कहना था कि बंद के लिए देशभर के संगठन किसानों का समर्थन करेंगे और इसे सफल बनाने के लिए ताकत झोंकेंगे।