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केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने दी हज यात्रा और सुविधा एप से संबंधित जानकारी

भिवानी, 4 फरवरी (हप्र) राज्यसभा सांसद किरण चौधरी के सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि हज सुविधा एप को तीर्थयात्रा के अनुभव को बढ़ाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए...

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भिवानी, 4 फरवरी (हप्र)

राज्यसभा सांसद किरण चौधरी के सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि हज सुविधा एप को तीर्थयात्रा के अनुभव को बढ़ाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए लॉन्च किया गया था। तीर्थयात्री प्रशिक्षण सामग्री, आवास और उड़ान विवरण, सामान की जानकारी, आपातकालीन हेल्पलाइन (एसओएस), शिकायत निवारण, प्रतिक्रिया, भाषा अनुवाद और तीर्थयात्रा से संबंधित विविध जानकारी तक पहुंचाने के लिए एप का उपयोग कर सकते हैं।

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हज-2024 के दौरान भारत से कुल 1,75,025 तीर्थयात्रियों में से 78,000 से अधिक ने एप पर पंजीकरण कराया और 8,500 से अधिक शिकायतों और 2,100 से अधिक एसओएस कॉल को एप के माध्यम से संभाला गया। एप के माध्यम से बैगेज पहचान के क्यूआर कोड तंत्र की शुरुआत के परिणामस्वरूप हज-2024 के दौरान गुम हुए बैगेज के मामलों में भारी कमी आई।

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2024 में कुल 4558 महिला तीर्थयात्रियों ने बिना मेहरम (पुरुष साथी) के तीर्थयात्रा की जो हज-2018 में बिना मेहरम वाली महिलाओं की श्रेणी की शुरुआत के बाद से अब तक का सबसे अधिक है। हज यात्रियों के उपचार के संबंध में आवश्यक सहायता भारत सरकार द्वारा सऊदी अरब में भारतीय हज मिशन के माध्यम से प्रदान की गई।

उन्होंने बताया कि उच्च जोखिम वाले समूह के रूप में पहचाने जाने वाले बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य और कल्याण पर विशेष जोर दिया गया। डॉक्टरों और पैरामेडिक्स वाली चिकित्सा टीमों ने तीर्थयात्रियों को ठहराने वाली इमारतों का दैनिक दौरा किया।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सभी तीर्थ यात्री विशेष रूप से बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मक्का में चार चिकित्सा केंद्र और मदीना में एक, 17 औषधालयों के साथ, 24/7 चालू थे। सभी भारतीय तीर्थयात्रियों को नि:शुल्क परामर्श, दवाइयां और उपचार प्रदान किया गया, जिससे हमेशा स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित हुई।

मक्का, मदीना और अन्य प्रमुख स्थानों पर आपातकालीन स्थितियों के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 24 एम्बुलेंसों का एक बेड़ा रणनीतिक रूप से तैनात किया गया था, विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए जो अत्यधिक मौसम के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

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