रोहतक, 24 जून (हप्र)
किसान आंदोलन के साथ देश की अब तक 98 प्रतिशत आबादी साथ है, जबकि सरकार पूंजीपतियों के दबाव में इन कानूनों को लागू करके आम जनता का जीना मुहाल करने पर अामादा है। देश भर के लगभग 500 संगठन सीधे जुड़कर तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए आंदोलनरत हैं। यह बात संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेन्द्र यादव ने बृहस्पतिवार को मैना पर्यटक केन्द्र में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि देश में भाजपा ने आपातकाल जैसे हालात बना दिए हैं, इसलिए किसान आंदोलन ने लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांगें पूरी करने में जितना देरी करेगी, उतना ही सरकार को नुकसान उठाना पड़ेगा। यादव ने कहा कि किसान आंदोलन को 26 जून को 7 महीने पूरे हो जाएंगे और 26 जून का दिन इमरजेंसी दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 जून को राजभवन पर प्रदर्शन कर राज्यपालों के माध्यम से राष्ट्रपति को रोष पत्र भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा अब लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ेगा तथा 26 जून को चंडीगढ़ में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर 3 काले कानूनों को रद्द करने की मांग करेगा। इस अवसर पर कामरेड इन्द्रजीत, प्रेम सिंह गहलावत, दीपक लांबा, सत्यवान, चंचल नांदल, सुमित प्रमुख रूप से मौजूद रहे।