दोहरी डिग्री कार्यक्रम के तहत अब दोनों विश्वविद्यालयों से बीएससी और एमएससी कृषि की डिग्री ले सकेंगे विद्यार्थी
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय व ऑस्ट्रेलिया की वैस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि मंडल की स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. रमेश कुमार की अध्यक्षता में विभिन्न महत्वाकांक्षी विषयों को लेकर एक बैठक हुई। प्रतिनिधिमंडल में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया की तरफ से डॉ. सिंधु श्योराण (सीनियर रिसर्च प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर हॉक्सबरी इंस्टीट्यूट फॉर दा एनवायरनमेंट) व नम्रता (रीजनल डायरेक्टर साउथ एशिया वेस्टर्न सिडनी इंटरनेशनल वेस्ट विंग- नई दिल्ली) ने भाग लिया। बैठक में अंतर्राष्ट्रीय मामलों की प्रभारी डॉ. आशा क्वात्रा, डॉ. नवीन कौशिक, डॉ. मंजुनाथ व डॉ. सरोज यादव मौजूद रहे।
डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से नए विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के अवसर प्राप्त होंगे। विद्यार्थी दोनों विश्वविद्यालयों से दोहरी डिग्री कार्यक्रम के तहत बीएससी कृषि व एमएससी कृषि की डिग्री हासिल कर सकेंगे। इससे विश्वस्तरीय शिक्षा और अनुसंधान के अवसर प्रदान करने के लिए दोनों विश्वविद्यालयों की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा। गौरतलब है कि हकृवि पहले से ही अनुसंधान और शैक्षणिक क्षेत्रों में डब्ल्यूएसयू के साथ सक्रिय सहयोग कर रहा है। दोहरी एमएससी और पीएचडी डिग्री पहले से ही प्रगति पर है। विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय मामलों की प्रभारी डॉ. आशा क्वात्रा ने भारत से ऑस्ट्रेलिया जाने वाले छात्रों के समक्ष आने वाली समस्याओं जैसे वीजा, रहन-सहन खर्च, शिक्षा खर्च, उपलब्ध आय के साधनों के बारे में जानकारी दी। गौरतलब है कि डॉ. सिंधु श्योराण चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ही पूर्व छात्रा हैं। उन्होंने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी से ड्यूल डिग्री के तहत पीएचडी की पढ़ाई की है। अब हॉक्सबरी इंस्टीट्यूट फॉर दा एनवायरमेंट में सीनियर रिसर्च प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के पद पर कार्यरत हैं। बैठक में कृषि महाविद्यालय कौल व बावल सहित विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों से विद्यार्थी व फैकल्टी ने भी भाग लिया।