दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 फरवरी
हरियाणा में जमीन के रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता लाने की दिशा में भाजपा-जजपा गठबंधन एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। प्रदेश के दो और विभागों को रजिस्ट्री के अधिकार दिए जाएंगे। अभी तक जमीन के पंजीकरण का कामकाज रेवेन्यू डिपार्टमेंट करता आ रहा है। राज्य में दो और ऐसी एजेंसियां हैं, जिनकी जमीन की खरीद-फरोख्त काफी अधिक होती है। इनमें एक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और दूसरी हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) है।
सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर इन दोनों ही एजेंसियों को अपनी जमीन की खुद ही रजिस्ट्री करने के अधिकार देने का निर्णय लिया है। यह फैसला आगामी वित्तीय वर्ष से लागू किया जाएगा। जमीन की रजिस्ट्री के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सॉफ्टवेयर का ही इस्तेमाल होगा, लेकिन रजिस्ट्री करने वाले अधिकारी एचएसवीपी और एचएसआईआईडीसी के होंगे। इतना ही नहीं, राज्य में फ्लैट की पहले कन्वेंस डीड (सीडी) के अधिकार बिल्डरों को ही देने पर भी मंथन चल रहा है। सरकार के इन फैसलों से जहां भ्रष्टाचार में कमी आएगी वहीं तहसीलों में भीड़ भी कम होगी। प्रदेश के अधिकांश जिला मुख्यालयों, बड़े शहरों के अलावा कई कस्बों में भी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के सेक्टर बने हुए हैं। इनमें रिहायशी प्लॉट के अलावा कमर्शियल प्रॉपर्टी भी है और कई शहरों में औद्योगिक सेक्टर भी हैं। अभी तक इनकी सभी प्रकार की प्रॉपर्टी का पंजीकरण तहसीलों में ही होता रहा है।
अब सरकार ने तय किया है कि सभी एस्टेट ऑफिस में ही एचएसवीपी की प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। जमीन की रजिस्ट्री के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने सॉफ्टवेयर बनाया हुआ है। इसके जरिये ही लोगों को ऑनलाइन बुकिंग करवाने की सुविधा मिलती है। यह सॉफ्टवेयर सभी एस्टेट ऑफिस को उपलब्ध करवाया जाएगा। रजिस्ट्रेशन का काम एचएसवीपी के अधिकारी करेंगे। इससे लोगों का तहसीलों में जाने का समय बचेगा। इसी तरह से हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं संरचना विकास निगम के औद्योगिक एरिया में इंडस्टि्रयल और कमर्शियल प्लॉटों की रजिस्ट्री निगम के स्तर पर ही हो सकेगी। निगम भी राजस्व विभाग के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करेगा और रजिस्ट्री के लिए अपने अधिकारियों की नियुक्ति करेगा।
भ्रष्टाचार की होगी रोकथाम
एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी के पास रजिस्ट्रेशन का काम आने के बाद भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, रेवाड़ी, धारूहेड़ा, बहादुरगढ़, सोनीपत, पानीपत, पंचकूला सहित कई शहरों में मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग का प्रचलन बढ़ा है। यानी लोग अब फ्लैट में रहना पसंद करने लगे हैं। सरकार समय-समय पर नियमों में बदलाव करती रही है। बिल्डरों और उपभोक्ताओं के बीच के झगड़ों को निपटाने के लिए बीबीए (बिल्डर बॉयर एग्रीमेंट) अनिवार्य किया हुआ है। अब सरकार इस पर भी मंथन कर रही है कि फ्लैट की पहली कन्वेंस डीड की जिम्मेदारी बिल्डरों को ही दे दी जाए।
एसडीएम को पहले ही दिए जा चुके अधिकार
तहसीलों में रेवेन्यू अधिकारियों की मनमर्जी न चले, इसके लिए सरकार पहले ही बड़ा बदलाव कर चुकी है। प्रदेश के सभी एसडीएम को भी सरकार ने रजिस्ट्री करने के अधिकार दिए हुए हैं। अब अगर किसी व्यक्ति की तहसील में रजिस्ट्री नहीं हो रही है या आनाकानी की जा रही है तो वह संबंधित एसडीएम के पास जाकर भी अपनी जमीन का पंजीकरण करवा सकता है।
‘तहसीलों में वर्कलोड लगातार बढ़ रहा है। हमारी कोशिश है कि लोगों के जल्द काम हों और पारदर्शिता बनी रहे। इसके लिए तय किया है कि एचएसवीपी के प्लॉटों की रजिस्ट्री अब अथॉरिटी खुद कर सकेगी। इसी तरह से एचएसआईआईडीसी अपने इंडस्टि्रयल और कमर्शियल प्लॉटों का पंजीकरण कर सकेगा। रेवेन्यू डिपार्टमेंट का सॉफ्टवेयर उन्हें मुहैया करवा दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के लिए दोनों अथॉरिटी अधिकारियों की नियुक्त करेगी। अगले वित्तीय वर्ष से इसकी शुरुआत करने की तैयारी है।’
-दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री हरियाणा