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अरावली की पहाड़ियों में मिले तेंदुए के दो बच्चे, वन विभाग कर रहा देखभाल

गुरुग्राम,14 जुलाई (हप्र) नूंह के गांव कोटला में बकरी चराने गए बच्चों को पहाड़ियों में तेंदुए के दो नवजात बच्चे मिले। वे उन्हें अपने साथ ले आए और बकरी का दूध पिलाया। गांव के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो...
नूंह के गांव कोटला के ग्रामीणों द्वारा अरावली की पहाड़ियों में पकड़े गए तेंदुए के दो नवजात बच्चे। -हप्र
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गुरुग्राम,14 जुलाई (हप्र)

नूंह के गांव कोटला में बकरी चराने गए बच्चों को पहाड़ियों में तेंदुए के दो नवजात बच्चे मिले। वे उन्हें अपने साथ ले आए और बकरी का दूध पिलाया। गांव के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने वन्य प्राणी विभाग को सूचना दी और दोनों नवजात तेंदुओं को उनके हवाले कर दिया। साहुन और सहरू ने बताया कि वे पहाड़ पर बकरी चराने गए तो वहां दोनों नवजात अकेले मिले।

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अन्य कोई जानवर उन्हें नुकसान न पहुंचा दे, यह सोचकर वे उन्हें अपने साथ ले आए। बकरी का दूध पीने के बाद दोनों नवजात खेलने लगे। ग्रामीणों को चिंता है की मादा तेंदुआ अब आबादी में आ गई तो यह घातक हो सकता है। साहुन और सहरू ने कहा कि वहां 3 नवजात थे वे 2 ही पकड़ पाए। गुरुग्राम के वन्य जीव जंतु विभाग के अधिकारी राजेश कुमार ने गांव का दौरा किया और दोनों नवजात तेंदुओं को कब्जे में ले लिया। उन्होंने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि वे अरावली की पहाड़ियों में नहीं जाएं। उन्होंने बताया जब तक मादा तेंदुआ नवजात को नहीं ले जाएगी, तब तक उनका संरक्षण दूर से वन्य जीव जंतु विभाग करेगा। गौरतलब है कि इसी जगह पर हरियाणा सरकार, केंद्र सरकार के सहयोग से जंगल सफारी बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में इस इलाके में सर्वे के दौरान 21 तेंदुए पाए गए थे। अब दिल्ली से फिरोजपुर झिरका अरावली पहाड़ियों में तेंदुओं की संख्या 50 से कहीं अधिक होगी।

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