भिवानी (हप्र) : शहर में लूटपाट, छीना झपटी, भ्रष्टाचार के खिलाफ भिवानी व्यापार मण्डल के प्रधान व इनेलो के प्रदेश सचिव व्यापार प्रकोष्ठ से जेपी कौशिक ने मंगलवार को स्थानीय घंटाघर पर तिरंगा झण्डा लेकर रेहड़ी चालकों व फुटपाथ व्यापारियों के साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। उन्होंने कहा कि आज पूरे हरियाणा में रोहतक, हिसार, दादरी में दिन दहाड़े लूटपाट, डकैती, भ्रष्टाचार जैसी वारदातें घट रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार में बिना पर्ची व बिना खर्ची के काम होंगे, लेकिन आज प्रत्येक विभाग में भ्रष्टाचार है। कौशिक ने कहा कि आज भिवानी जैसे छोटे शहर के अंदर नप में करोड़ों रुपयों का घोटाला हो गया है, लेकिन घोटालेबाजों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय पुलिस प्रशासन व आला अधिकारी सामाजिक जनसंगठनों के धरने पर रोक लगा उनकी आवाज दबा रहे हैं, लेकिन वो अपने इस प्रयास में कभी भी सफल नहीं हो सकते हैं। जब तक नप घोटालेबाज जेल की सलाखों के पीछे नहीं होते हैं तब तक सामाजिक जनसंगठन शांतिपूर्वक नहीं बैठेंगे। इस अवसर पर संजय सैनी, राज कुमार रंगा, काला, राजबीर, रवि कुमार, अमित कुमार, संजय वाल्मीकि, ढिल्लू जूसवाला, अमन कुमार, राजेंद्र कुमार, पंकज कुमार, शिवम कुमार, राकेश कुमार, प्रवीण गुप्ता सहित अनेक लोग मौजूद थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।