बाढड़ा, 18 जनवरी (निस)
श्योराण खाप की अगुवाई में आज क्षेत्र के किसान संगठनों के आह्वान पर लगभग 12 हजार ट्रैक्टरों के साथ किसानों ने लोहारु रोड से लेकर उपमंडल कार्यालय तक मार्च निकाला। किसानों ने तीनों बिलों के विरोध में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंप कर 26 जनवरी को दिल्ली पहुंचने का संकल्प लिया। श्योराण खाप 25 केअध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह बेरला ने कहा संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लिए गए निर्णय के तहत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में प्रदर्शन करने से पहले आज यह आंदोलन चलाया गया। इसी कड़ी में सभी गांवों के किसानों ने आज हजारों की संख्या में पहुंच कर साबित कर दिया कि देश का गरीब किसान इन तीनों कानूनों को किसी सूरत में लागू नहीं होने देगा। किसान नेताओं ने ऐलान किया कि न रुकेंगे न झुकेंगे और 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड करेंगे। इस मौके पर पूर्व विधायक नृपेन्द्र मांढी, किसान संघर्ष समिति संयोजक कमलसिंह मांढी, भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा, महासचिव हरपाल भांडवा, जगत सिंह बाड़ा, इनेलो जिलाध्यक्ष विजय पंचगावां, मंच संचालक विधानंद हंसावास, शहीद भगतसिंह के पौत्र यादवेंद्र संधु मौजूद रहे।
फौगाट खाप ने दिल्ली कूच की बनाई रणनीति
चरखी दादरी (निस) : कृषि कानूनों के विरोध में एक दिन पूर्व दादरी मेंं किसानों द्वारा निकाले गए ट्रैक्टर मार्च के बाद फौगाट खाप ने दिल्ली कूच की रणनीति बनाई। इस दौरान खाप ने गांव स्तर पर ड्यूटियां लगाते हुए 25 जनवरी को दिल्ली जाने की तैयारियां को लेकर विचार-विमर्श किया। शहर के स्वामी दयाल धाम पर सोमवार को फौगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार की अध्यक्षता में पदाधिकारियों की मीटिंग का आयोजन किया गया। खाप प्रधान ने बताया कि खाप के सभी गांवों से हजारों की संख्या में लोग 25 जनवरी को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। शहर के दिल्ली बाईपास टी-प्वाइंट पर एकत्रित होते हुए शांतिपूर्ण दिल्ली के लिए चलेंगे। इस मौके पर खाप सचिव सुरेश फौगाट, रामसिंह बलकरा, गिरेंद्र फौगाट, कृष्ण फौगाट, शमशेर खातीवास उपस्थित थे।
हिसार में भी मनाया महिला किसान दिवस
हिसार (हप्र) : अखिल भारतीय किसान मजदूर संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों ने सोमवार को क्रांतिमान पार्क में महिला किसान दिवस मनाया और फिर वहां से प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय तक गए। महिला किसान सम्मेलन में महिलाओं की भी काफी भागीदारी रही।सबसे पहले किसान पदाधिकारियों के साथ महिला किसान क्रांतिमान पार्क में एकत्रित हुईं और फिर कार्यक्रम का पूरा संचालक महिलाओं ने किया। इस दौरान यह भी फैसला लिया गया कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को लेकर राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर जो घोषणा होगी, उसे लागू किया जाएगा। इसके अलावा जो भी संगठन गणतंत्र दिवस का विरोध करेगा, उसके लिए वही संगठन जिम्मेदार होगा। महिलाओं ने कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को रद्द करके किसानों की मांगों को मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का हठ अब नहीं चलेगा।