कैथल, 24 फरवरी (हप्र)
गांव कसान और कैलरम में बुधवार को 2 किसानों ने ट्रैक्टर चलाकर गेहूं व सरसों की फसल नष्ट कर डाली। गांव कसान के किसान सतपाल ने कहा कि उसने तीन एकड़ में गेहूं की बिजाई की थी, जिसमें से एक एकड़ को नष्ट कर दिया है। वह केवल एक एकड़ गेहूं ही अपने परिवार के लिए रखेगा।
सतपाल ने बताया कि उसका ट्रैक्टर दिल्ली थाने में है, उसके 2 बेटे तिहाड़ जेल में हैं। उसने अधिक गेहूं का क्या करना है। राजौंद में भी एक किसान ने अपनी फसल नष्ट कर दी। कैलरम गांव के किसान वीरेंद्र कुंडू ने 2 एकड़ जमीन पर गेहूं की फसल लगा रखी थी। उन्होंने डेढ़ एकड़ पर ट्रैक्टर चला दिया। अब उन्होंने परिवार के खाने के लिए आधा एकड़ ही फसल बचाकर रखी है। तीनों कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर विरेंद्र अपने भाई के साथ दिल्ली बॉर्डर पर भी पहुंचे थे जहां उन्होंने दो महीने तक धरना दिया।
पानीपत में साढ़े 4 एकड़ फसल रौंदी
पानीपत (एस) : 3 कृषि कानूनों पर विरोध जताते हुए गांव इसराना के किसान नरेश जागलान ने बुधवार को अपनी साढ़े 4 एकड़ गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया। खेतों में ही गांव के अन्य किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पानीपत टोल पर भाकियू के जिला प्रधान कुलदीप बलाना ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को मोदी सरकार ने अभी तक रद्द नहीं किया, जिससे किसानों में गुस्सा है लेकिन गेहूं की फसल को इस तरह से नष्ट करना सही नहीं है। गांव इसराना के किसानों ने बुधवार को इसराना स्थित किसान भवन के सामने मोदी का पुतला फूंका। बाद में वे सभी प्रदीप जागलान के नेतृत्व में सिंघू बॉर्डर के लिये रवाना हुए।