रेवाड़ी, 21 जनवरी (हप्र)
राजस्थान से धारूहेड़ा में घुसे बाघ का आतंक बढ़ रहा है। रविवार दोपहर बाघ ने अचानक वन्य प्राणी विभाग की टीम पर हमला कर दिया, जिससे दो कर्मचारी घायल हाे गये। उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। बाघ को पकड़ने के लिए पिछले तीन दिनों से दो राज्यों की टीमें प्रयास कर रही हैं। तीन दिन पहले धारूहेड़ा में घुसे बाघ के पैरों के निशान गांव भटसाना में देखे गए थे। तभी से रेस्क्यू टीम उसे पकड़ने के लिए दिन-रात एक कर रही थी।
इसी दौरान यह बाघ निकटवर्ती गांव खरखड़ा में जा घुसा। जहां उसके पैरों के निशान मिलने पर रेस्क्यू टीम ने यहां डेरा डाल दिया। उसे पकड़ने के लिए शनिवार रात को एक भैंस के कटड़े को भी खेतों में छोड़ा गया था।
बाघ को काबू करने के लिए अलवर के सरिस्का वन्य विभाग की टीम भी रेवाड़ी की टीम के साथ काम कर रही है। वन्य प्राणी विभाग की टीम ने रविवार को गांव भटसाना व जड़थल की सीमा के पास बाघ देखा। बाघ ने अचानक रेस्क्यू टीम के दो कर्मचारियों धर्म सिंह व हीरालाल पर हमला कर दिया और गंभीर रूप से घायल कर दिया। दोनों घायल अलवर के सरिस्का वन विभाग के कर्मचारी हैं।
बताया गया है कि भूखा-प्यासा यह बाघ खेतों में छिपा हुआ था और मौका पाकर यह हमला किया। हमले के बाद वह वापस खेतों में गायब हो गया। हमले से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया और वे लाठी-डंडे लेकर भागते दिखाई दिये। हीरालाल के एक हाथ को बाघ ने बुरी तरह से जख्मी कर दिया है।
‘सरसों के खेत में दिखे पग मार्क’
वन विभाग के रेंज ऑफिसर संदीप कुमार ने कहा कि बाघ की लोकेशन मिलने के बाद उसे चारों तरफ से घेरने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि उसे जल्द से जल्द काबू किया जा सके। सरसों के खेत में उसके पैरों के निशान दिखाई दिए हैं।