नरवाना, 21 अप्रैल (अस)
गेहूं सीजन के चलते किसान आंदोलन में किसानों का हजूम कुछ कम नजर आने लगा था। बुधवार को पंजाब के किसानों के जत्थे फिर से दिल्ली की तरफ बढऩे शुरू हो गये हैं। किसानों की सेवा के लिए दातासिंहवाला गांव के गुरुद्वारे में लंगर की सुविधा शुरू की गई है। दातासिंहवाला गांव में पहुंचे पंजाब के किसानों ने कहा कि गेहूं की कटाई के चलते किसान व मजदूर खेतों में व्यस्त थे, लेकिन सरकार ने इस व्यस्तता को किसान आंदोलन की कमजोरी समझा और ऑपरेशन क्लीन चलाने की रणनीति बनाई।
सरकार के ऑपरेशन क्लीन को नाकाम करने व किसान आंदोलन की मजबूती के लिए आज ही पंजाब से हजारों किसानों के जत्थे दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। इन किसानों ने दातासिंहवाला में रूककर लंगर छका तथा दिल्ली की तरफ रवाना हो गए।
इस मौके पर पटियाला-दिल्ली हाईवे पर दातासिंहवाला गांव के निकट कुछ समय के लिये जाम जैसी स्थिति बनी रही। किसानों ने दावा किया कि अब सरकार का कोई भी ऑपरेशन किसान आंदोलन पर काम नहीं करेगा। इसलिए बेहतर होगा कि केंद्र की भाजपा सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करे और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाकर किसानों की मांग पूरी करे।
तीनों नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए इन किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे किसानों के आंदोलन को उकसाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
कोरोना सरकार की चाल
किसानों ने कहा कि सरकार अब कोरोना की आड़ में दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की फिक्र करने की बात कहकर उनका कोरोना टेस्ट करवाने की तैयारी कर रही है। देश का किसान सरकार से पूछता है कि हाड़ जमा देने वाली ठंड के कारण जब सैकड़ों किसान शहीद हुए तब सरकार को किसानों की फिक्र क्यों नहीं हुई। किसानों ने कहा कि सरकार एक बार फिर कोरोना का बहाना बनाकर किसानों के आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है। किसान आंदोलन में बुजुर्गों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन अभी तक एक भी आंदोलनकारी किसान या बुजुर्ग की कोरोना से मौत नहीं हुई। इसलिए आंदोलन में शामिल किसान सरकार के इस बहकावे में नहीं आएंगे।

टटियाणा टोल पर किसानों का धरना जारी
गुहला चीका (निस) : संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में टटियाणा टोल पर दिया जा रहा धरना आज 117 वें दिन भी जारी रहा। आज के धरने की अध्यक्षता अमरीक सिंह खंबेड़ा ने की व मंच का संचालन जिला उपाध्यक्ष चमकौर सिंह ने किया। किसानों को संबोधित करते हुए अमरीक सिंह ने कहा कि सरकार कोरोना की आड़ में किसानों के धरने समाप्त करवाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि किसान दिल्ली बार्डर व प्रदेश भर में चल रहे धरनों को मजबूत करके ही सरकार से टक्कर ले सकते हैं। उपाध्यक्ष चमकौर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार देश की अब तक की सबसे निकम्मी सरकार साबित हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को तीनों कृषि कानून रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं, इस लिए कानून रद्द होने से पहले किसान धरनों से नहीं उठेंगे। इस मौके पर जिला उपप्रधान चमकौर सिंह, युवा हलका अध्यक्ष गुरदेव बदसुई, अंग्रेज नंदगढ़, अमरजीत टटियाणा, रतना भागल, सतपाल, रामदिया, मलकीत सिंह भी मौजूद रहे।
गेहूं की फसल निपटाने के बाद किसान चले दिल्ली
टोहाना (निस) : गेहूं के सीजन से निपटने के बाद अब किसान एक बार फिर दिल्ली बॉर्डर का रुख करने लगे हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण बीते दिनों मीडिया में आई आपरेशन क्लीन स्वीप की खबर भी माना जा रहा है। आज पंजाब से काफी संख्या में किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए। किसान मानसा से सरदूलगढ़ और यहां से हांसपुर होते हुए दिल्ली के लिए रवाना हुए। बीते दिन से पंजाब से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि पंजाब के किसान दोबारा बॉर्डर पर जाएंगे। किसान अभी तक गेहूं सीजन में व्यस्त थे, जिन किसानों ने अपनी फसलें मंडी में पहुंचा दी हैं, अब वे दोबारा धरने पर जाने को तैयारी में जुटे हैं।